अब्राहम करार के परिणाम दिखने लगे इस्रायली शस्त्रनिर्यात उल्लेखनीय तरीके से बढी

जेरूसलेम – हवाई सुरक्षा यंत्रणा मिसाइलों की बढती हुई मांग के कारण पिछले वर्ष इस्रायल के शस्त्रास्त्र निर्यात में पूरे ३६ प्रतिशत बढोतरी हुई। युएई और बाहरीन जैसे खाडी देशों में इस्रायल से बडे पैमाने पर शस्त्रास्त्रों की खरीदारी शुरु हो चुकी है। इस्रायल के संरक्षण मंत्रालय ने यह जानकारी दी। युएई एवं बहरीन इस्रायल के साथ अब्राहम करार में शामिल हैं। इसलिए इन दोनों देशों ने इस्रायल से शुरु की हुई शस्त्रास्त्रों की खरीदारी उल्लेखनीय बात है।

abraham-agreement-israelइस्रायली संरक्षण मंत्रालय के ‘इंटरनॅशनल डिफेन्स कोऑपरेशन डायरेक्टोरेट’ अर्थात सिबात नामक विभाग ने इस्रायली शस्त्र निर्यात का ब्योरा जाहिर किया। अब तक इस्रायल के शस्त्र निर्यात ने कभी भी दुहरे आंकडों में प्रवेश नहीं किया था। सन २०१६ में इस्रायल का शस्त्र निर्यात ९.२ प्रतिशत तक पहुंचा था। तो सन २०२० में यह निर्यात ८.३ अरब डॉलर्स था। युरोपिय देश इस्रायल के सबसे बडे शस्त्र आयात करनेवाले देश थे।

पर इस्रायली संरक्षण विभाग के इतिहास में पहली बार शस्त्रनिर्यात ११.३ अरब डॉलर्स तक पहुंचने की बात सिबात ने कही है। अमेरिका, चीन, रशिया जैसे बडी अर्थव्यवस्था वाले देशों की तुलना में इस्रायल के शस्त्रनिर्यात आंकडों की दृष्टि से बहुत छोटे हो सकते हैं, पर इस्रायली अर्थव्यवस्था का आकार और सन २०२१ के खरीददार देशों के नामों पर गौर करें तो इस्रायल के शस्त्रनिर्यात में हुई बढोतरी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, ऐसा खाडी के माध्यमों का कहना है।

पहली बार इस्रायल के इस शस्त्रनिर्यात में अरब देशों के नाम दर्ज हुए हैं। युएई और बहरीन दोनों ने इस्रायल से जो शस्त्र खरीदे हैं वे कुल निर्यात के सात प्रतिशत हैं, यह सिबात ने स्पष्ट किया। सन २०२० में युएई एवं बहरीन ने इस्रायल के साथ किए हुए अब्राहम करार की वजह से यह संभव हो पाया, ऐसा इस्रायली माध्यम कह रहे हैं।

ईरान एवं ईरान संलग्न आतंकी संगठनों से अपनी सुरक्षा को धोखा है इस बात का अहसास हुए युएई एवं बहरीन इस्रायल के साथ सहयोग कर रहे हैं। इस्रायल की हवाई यंत्रणा रॉकेट एवं मिसाइल हमलों के खिलाफ सफल साबित हुए हैं। इसलिए इस हवाई सुरक्षा यंत्रणांओ की मांग बढ रही है। भविष्य में इस्रायल का शस्त्रनिर्यात अधिक रफ्तार से बढेगा तथा इसमें अरब देशों द्वारा मांग का बडा समावेश होगा, ऐसा दावा इस्रायली एवं खाडी के माध्यम कर रहे हैं।

तो, अरब देश नहीं बल्कि, युरोपिय देश भी इस्रायल के आर्यन डोम, डेविड्स स्लिंग एवं ऐरो नामक हवाई सुरक्षा यंत्रणा की खरीद के लिए उत्सुक होने की बात युक्रेन युद्ध की वजह से स्पष्ट हुई है। इस्रायली माध्य इस ओर भी ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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