इस्रायल द्वारा युरोप को ईंधन की आपूर्ति करनेवाली परियोजना को मंज़ुरी

जेरूसलम – इस्रायल और सायप्रस से युरोप को नैसर्गिक ईंधनवायु की आपूर्ति करनेवाली परियोजना को इस्रायल सरकार ने मंज़ुरी दी है। रविवार के दिन हुई इस्रायली मंत्रिमंडल की बैठक में इससे संबंधित निर्णय किया गया। यह निर्णय एक ऐतिहासिक कदम होने की प्रतिक्रिया इस्रायल के ऊर्जामंत्री युवल स्टेनिट्झ ने व्यक्त की है। पिछले कुछ वर्षों में, रशिया और ईरान ने तुर्की की सहायता से युरोप के साथ ईंधन सहयोग बढ़ाने के लिए आवश्‍यक गतिविधियाँ शुरू की थीं। इस्रायल की ईंधन पाईपलाइन परियोजना, यह उसे मात देने की कोशिशों का हिस्सा समझा जा रहा है।

Europe-israel-pipelineइस वर्ष के जनवरी महीने में ग्रीस में हुई एक बैठक में, इस्रायल, सायप्रस और ग्रीस इन तीन देशों ने ‘ईस्टमेड ईंधन पाईपलाईन परियोजना’ के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। ६.८६ अरब डॉलर्स खर्च की इस परियोजना के तहत इस्रायल के समुद्री क्षेत्र में स्थित लेव्हियाथन बेसिन से ग्रीस तक १,९०० किलोमीटर लम्बाई की ईंधन पाईपलाइन विकसित की जा रही है। गहरें समुद्र में निर्माण की जा रही इस ईंधन पाईपलाइन के सर्वे का काम पहले ही शुरू हुआ है और इसमें युरोपिय कंपनियाँ भी शामिल हैं। इस ईंधन परियोजना के लिए ‘आयजीआय पोसायडन’ नाम की स्वतंत्र कंपनी भी बनाई गई है। इस्रायल और युरोपिय महासंघ का संयुक्त उपक्रम होनेवाली इस कंपनी के माध्यम से सन २०२५ तक इस ईंधन परियोजना का काम पूरा करने का उद्देश्‍य रखा गया है।

मूल ‘ईस्टमेड ईंधन पाईपलाइन परियोजना’ हालाँकि इस्रायल-सायप्रस-ग्रीस ऐसी है, लेकिन आगे यही पाईपलाईन इटली और युरोप के अन्य बाल्कन देशों तक बढ़ाने की योजना हैं। इस ईंधन पाईपलाईन की परियोजना से प्रतिवर्ष १० अरब घनमीटर नैसर्गिक ईंधनवायु की आपूर्ति होगी, यह जानकारी सूत्रों ने साझा की। कुछ वर्ष पहले जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, इस्रायल के समुद्री क्षेत्र में करीबन २,२०० अरब घनमीटर नैसर्गिक ईंधनवायु का भंड़ार मौजूद है। सन २०१६ में इस्रायल ने चलाई एक मुहिम के दौरान समुद्री क्षेत्र में ९०० अरब घनमीटर ईंधनवायु का भंड़ार भी पाया गया था। इसी बीच, भूमध्य समुद्र का हिस्सा होनेवाले सायप्रस के समुद्री क्षेत्र में १२८ अरब घनमीटर ईंधनवायु के भंड़ार होने की बात कही जा रही है।

इस्रायल द्वारा सायप्रस और ग्रीस की सहायता से बनाई जा रही ‘ईस्टमेड ईंधन पाईपलाइन परियोजना’ को तुर्की द्वारा जारी आक्रामक गतिविधियों की पृष्ठभूमि है। सायप्रस के समुद्री क्षेत्र में मौजूद ईंधन भंड़ार पर तुर्की ने अपना हक जताया है। इस क्षेत्र में तुर्की ने अपने युद्धपोत भी भेजे थे। कुछ महीने पहले सायप्रस समेत, ग्रीस की समुद्री सीमा का हिस्सा अपना ही क्षेत्र है, यह जताने के लिए तुर्की ने सीधे लीबिया के साथ समझौता करके सनसनी मचाई थी। इस पृष्ठभूमि पर, इस्रायल की भूमध्य समुद्री क्षेत्र में मौजुदगी, यह तुर्की की गतिविधियों को मात देनेवाला साबित हो सकता है, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं।

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