अफगानिस्तान में बढ़ती हिंसा के पीछे पाकिस्तान का हाथ – युरोपीय अभ्यासगुट का आरोप

एमस्टरडम – पाकिस्तान अमरीका और तालिबान के बीच का शांति समझौता और अफगानिस्तान-तालिबान के बीच हो रही शांतिचर्चा मैं बाधा डालने के लिए कड़े प्रयास कर रहा है। इतना ही नहीं, बल्कि अफगानिस्तान में बढ़ती हुई हिंसा के लिए पाकिस्तान ही जिम्मेदार है, ऐसा आरोप युरोपीय अभ्यासगुट ने लगाया है। पाकिस्तान अफगानिस्तान में तालिबान का शासन चाहता है। लेकिन अफगानिस्तान में भारत का बढ़ता हुआ प्रभाव पाकिस्तान को चुभ रहा है, ऐसा अध्ययन समूह की रिपोर्ट से स्पष्ट होता है।

पाकिस्तान का हाथ

‘युरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज’ ने यह रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में, अफगानिस्तान में हुए हमलों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, ऐसा बताया गया है। तालिबान और अफगानिस्तान की सरकार के बीच की शांति चर्चा को बाधित करने के लिए पाकिस्तान प्रयास कर रहा है। अफगानिस्तान में शांति और विकास के लिए भारत की सकारात्मक भूमिका पाकिस्तान को पसंद नहीं है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता आने के बाद भारत का अफगानिस्तान में प्रभाव कम हो जाएगा, ऐसा पाकिस्तान को लग रहा है।

युरोपीय अभ्यासगुट ने अमरीकास्थित ‘काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस’ की रिपोर्ट का भी हवाला दिया है। इस रिपोर्ट में, अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के पाकिस्तान के साथ होनेवाले संबंधों की भी आलोचना की गयी है। अफगानिस्तान में ‘हक्कानी’ नेटवर्क के पाकिस्तान के साथ संबंध हैं और पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करनेवाला देश है ऐसा बताकर, अमरीका ने पाकिस्तान को फटकार लगाई थी। इसी बीच, पिछले कुछ दिनों में तालिबान के अफगानिस्तान में हमले बढ़े हैं। कुछ दिन पहले, अफगानिस्तान में तालिबान के हमले में ३० लोग मारे गए थे। इसमें अफगानी सुरक्षादल के सैनिक भी शामिल थे। इस भयंकर ख़ूनख़राबे के पीछे पाकिस्तान का हाथ था, ऐसा आरोप युरोपियन अभ्यासगुट ने लगाया है। कुछ दिन पहले ही, अमरीका ने तालिबान के साथ शांति समझौते के तहत अफगानिस्तान में पाँच लष्करी अड्डों से सेना को हटाया था। इसके कुछ ही घंटों बाद, अफगानिस्तान के सुरक्षा दल के जवान और तालिबान के बीच हुई झड़प में २७ तालिबानी मारे गए।

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