अफ़गानिस्तान के सभी प्रांतों में हुआ ‘आयएस’ का विस्तार – संयुक्त राष्ट्रसंघ की विशेषदूत ने जताई चिंता

afghanistan-is-expansion-2वॉशिंग्टन – ‘आतंकी संगठन ‘आयएस-खारोसन’ बीते कुछ महीनों में अफ़गानिस्तान में बढ़ी है और इस देश के सभी प्रांतों में फैल गई है| आयएस-खोरासन के अफ़गानिस्तान में हो रहे आतंकी हमलों में बीते वर्ष की तुलना में पांच गुना बढ़ोतरी हुई है’, ऐसी चिंता संयुक्त राष्ट्रसंघ में अफ़गान संबंधी विशेषदूत देबोरा लियॉन्स ने व्यक्त की| अफ़गानिस्तान में आयएस के इस विस्तार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने बड़ी सावधानी से देखने की आवश्यकता होने का बयान लियॉन्स ने किया|

संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद ने अफ़गान विषयक बैठक का आयोजन किया है| इस अवसर पर अफ़गानिस्तान के लिए नियुक्त किए गए राष्ट्रसंघ के विशेषदूत देबोरा लियॉन्स ने इस देश की अस्थिरता की ओर ध्यान आकर्षित किया| आतंकी संगठन तालिबान ने काबुल पर कब्ज़ा करने के साथ ही अफ़गानिस्तान में अस्थिरता बढ़ रही है, यह दावा भी लियॉन्स ने किया| इराक-सीरिया में कार्यरत आतंकी ‘आयएस’ संगठन से जुड़ा ‘आयएस-खोरासन’ संगठन अफ़गानिस्तान की अस्थिरता का कारण बनने का बयान लियॉन्स ने किया|

afghanistan-is-expansion-1आयएस-खोरासन किसी समय राजधानी काबुल और अफ़गानिस्तान के चुनिंदा प्रांतों तक ही सीमित था| लेकिन, बीते कुछ महीनों में इस आतंकी संगठन ने सारे के सारे ३४ प्रांतों में विस्तार किया है और यह संगठन अब खतरनाक स्तर तक सक्रिय होने की बात लियॉन्स ने साझा की| बीते वर्ष ‘आयएस-खोरासन’ ने अफ़गानिस्तान में ६० हमले किए थे| लेकिन, इस वर्ष इसी संगठन द्वारा ३३४ हमले किए हैं, इस ओर लियॉन्स ने ध्यान आकर्षित किया|

अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करनेवाले आतंकी संगठन तालिबान इस ‘आयएस-खोरासन’ पर कार्रवाई करने का दावा कर रही है| लेकिन, तालिबान के आतंकी ‘आयएस’ के आतंकियों एवं संदिग्धों को गिरफ्तार करके उनका कत्ल कर रहे हैं, यह आरोप लियॉन्स ने लगाया| अफ़गानिस्तान में तालिबान की यह कार्रवाई और आयएस के बढ़ते हमलों को अंतरराष्ट्रीय समूदाय ने सावधानी से देखने की जरुरत होने का आवाहन लियॉन्स ने किया|

इसी बीच, तालिबान के नियंत्रण वाले अफ़गानिस्तान की भूमि पर अल कायदा, आयएस जैसे आतंकी संगठन आगे अधिक मज़बूत होंगे| इसके अलावा, यह आतंकी संगठन अगले दिनों में ९/११ से भी भीषण हमले अमरीका और यूरोपिय देशों पर करेंगे, यह इशारा अमरीका के लष्करी अधिकारी और विश्‍लेषकों ने दिया था|

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