अफ़गानिस्तान के करोड़ों बच्चों को शीघ्रता से मानवीय सहायता की ज़रूरत – संयुक्त राष्ट्रसंघ का इशारा

Afghanistan-Unicef न्यूयॉर्क – अफ़गानिस्तान तालिबानी आतंकियों के कब्ज़े में होने के बाद इस देश में दिल देहलानेवाली स्थिति सामने आने लगी हैं। अफ़गानिस्तान के तकरीबन १ करोड़ बच्चों को तुरंत मानवीय सहायता की आवश्‍यकता है। ऐसे में भूखमरी या अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं की वजह से इस वर्ष के अन्त तक दस लाख बच्चों की मौत हो सकती है, यह इशारा संयुक्त राष्ट्रसंघ के ‘युनिसेफ’ की प्रमुख हेनरिता फोरे ने दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन बच्चों की सहायता करे, यह आवाहन भी फोरे ने किया। इसी बीच, तालिबान के आतंकी बच्चों का अपहरण करके उनकी हत्या कर रहे हैं, यह आरोप अफ़गानिस्तान के पूर्व नेता ने लगाया है।

तालिबान ने राजधानी काबुल के साथ अधिकांश अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करने के साथ ही यह देश बिल्कुल सुरक्षित नहीं रहा, यह दावा किया जा रहा है। तालिबान के नेता दोहा की बैठक में या माध्यमों के सामने उदारता एवं सभी को शामिल करने की भाषा कर रहे हैं, लेकिन असल में तालिबानी आतंकी अफ़गान एवं पश्‍चिमी जनता पर अत्याचार कर रही है, इसके सबूत भी सामने आने लगे हैं। ‘युनायटेड नेशन्स चिर्ल्डन फंड-युनिसेफ’ ने अफ़गानिस्तान की इस स्थिति पर तीव्र चिंता जताई है।

Afghanistan-Unicef-01अफ़गानिस्तान में छोटे बच्चे पहले से ही मानवीय सहायता पर निर्भर थे। इसी बीच बीते डेढ़ वर्ष में कोरोना का कोहराम, सूखा, आर्थिक संकट एवं बीते कुछ महीनों से जारी संघर्ष की वजह से इस मानवीय सहायता की आपूर्ति पर असर हुआ था। ऐसी स्थिति में अफ़गानिस्तान में तालिबान की हुकूमत स्थापित होने के बाद वहां के बच्चों के भविष्य पर टूटा संकट का साया अधिक गहरा हुआ है, यह इशारा युनिसेफ की प्रमुख हेनरिता फोरे ने दिया।

जनवरी से अफ़गानिस्तान के बच्चों के अधिकारों का गंभीरता से उल्लंघन होने के दो हज़ार से अधिक मामलें सामने आए हैं। इसके अलावा इस संघर्ष के दौरान विस्थापित हुई महिलाओं और बच्चों की संख्या काफी बड़ी है। एक करोड़ बच्चों को तुरंत मानवीय सहायता की आवश्‍यकता होने का बयान फोरे ने किया। इसी बीच दस लाख बच्चों की भूखमरी या अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं की वजह से मौत हो जाएगी, यह इशारा फोरे ने दिया। इन अफ़गान बच्चों तक अन्न पहुँचाने के लिए २० करोड़ डॉलर्स सहायता राशि की आवश्‍यकता संयुक्त राष्ट्रसंघ ने स्पष्ट की है।

वर्ष २००२ से वैश्विक बैंक ने अफ़गानिस्तान को ५.३ अरब डॉलर्स की सहायता प्रदान की थी। लेकिन, अफ़गानिस्तान में तालिबान के पहुँचने के साथ ही वैश्‍विक बैंक ने अफ़गानिस्तान को प्रदान हो रही सहायता रोक दी। बीते हफ्ते अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने भी यही भूमिका अपनाई। इस वजह से अफ़गान बच्चों तक सहायता पहुँचाना कठिन हो रहा है। अफ़गानिस्तान के मानव अधिकार संगठन और कार्यकर्ता भी छोटे बच्चे और महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता जता रहे हैं।

तालिबान की हुकूमत में अफ़गानिस्तान में लाखों बच्चे और महिलाएं सुरक्षित ना होने की आलोचना संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त अफ़गान राजदूत नासिर अहमद अंदिशा ने की है। तालिबान घरों में घुसकर महिलाओं और लड़्कियों को खोज़कर उनसे ज़बरन ब्याह कर रहे हैं, यह आरोप नासिर ने लगाया। तभी, पंजशीर प्रांत के अंद्राब क्षेत्र में तालिबानी आतंकियों ने बच्चे और बुढ़ों का अपहरण करके हत्याएं की हैं, यह आरोप पूर्व मंत्री मसूद अंद्राबी ने लगाया है।

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