सरकार गिराने के लिए इराकी प्रदर्शनकारी फिर से बगदाद की सड़कों पर – ईरान के खिलाफ लगाए जोरदार नारें

बगदाद – पिछले ग्यारह महीनों से इराक में राजनीतिक समस्या का हल निकालें और ईरान समर्थक हुकूमत का तख्ता पलटें, ऐसी माँग करने वाले हज़ारों इराकी नागरिकों ने राजधानी बगदाद में जोरदार प्रदर्शन किए। ग्यारह साल पहले अरब-खाड़ी देशों में बड़ी उथल-पुथल करनेवाले ‘अरब स्प्रिंग’ के प्रदर्शनों के दौरान लगाए गए नारे भी इस दौरान लगाए गए। इस वजह से क्या इराक फिर से अरब स्प्रिंग की दिशा में बढ़ रहा है? ऐसी चिंता कुछ विश्लेषक जता रहे हैं।

इराकी प्रदर्शनकारीपिछले हफ्ते में इराक के प्रभावी शिया नेता मुक्तदा अल-सद्र ने राजनीति छोड़ने का ऐलान करने के बाद इराक में हिंसा भड़की थी। इस दौरान ३० लोग मारे गए और ४०० से अधिक घायल हुए थे। इसके बाद अब तक इराक शांत नहीं हुआ है। सद्र के समर्थक सड़कों पर उतरकर इराक की सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं। राजधानी बगदाद और यहां की अति सुरक्षित ग्रीन ज़ोन सरकार और ईरान विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र बन रहा है।

शुक्रवार को बगदाद में अल-नुसूर चौक सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों से भरा था। इराकी राष्ट्रध्वज और बैनर्स उठाए प्रदर्शनकारियों ने इराक की सरकार गिराने की माँग की। पिछले दशक से भ्रष्टाचार के आरोप लगे हुए इराक के सभी नेताओं को सरकार और राजनीति से खदेडा जाए, ऐसे नारे प्रदर्शनकारियों ने लगाए। साथ ही साल २०१९ के सरकार विरोधी प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के हमलावरों पर कार्रवाई करने की माँग इन प्रदर्शनकारियों ने की।

इराकी प्रदर्शनकारीइसी बीच जनता हुकूमत का तख्ता पलटने की माँग कर रही है’, अरब स्प्रिंग में लगाए गए नारों का भी इसमें समावेश था। साथ ही इराक की राजनीति में ईरान के बढ़ रहे हस्तक्षेप के खिलाफ भी प्रदर्शनकारी आक्रामक हुए थे। ‘इसके आगे ईरान या ईरान से जुड़ा नेता इराक पर राज नहीं करेगा’, ईरान ने इराक की सत्यानाश किया है’। ‘ईरान समर्थक नेताओं को निष्कासित करें’, ऐसे नारे लगाकर प्रदर्शनकारियों ने अपना ईरान विरोध प्रदर्शित किया।

पिछले साल अक्तुबर में इराक में किए गए चुनावों में शियापंथी उग्र संगठन के नेता मुक्तदा अल-सद्र के दल ने सबसे ज्यादा सीटें जीतने के बावजूद इस दल में सरकार बनाने का अवसर दिए बिना ईरान समर्थक राजनीतिक दलों ने साथ मिलकर सरकार गठित की थी। इससे आगबबूला हुए सद्र और उनके समर्थकों ने इराक में फिर से चुनाव करने की माँग की थी। लेकिन, ईरान समर्थक सरकार ने यह माँग ठुकराने के बाद सद्र ने राजनीति छोड़ने का ऐलान किया। तथा सद्र के समर्थकों ने इराक की राजधानी में कोहराम मचाकर पूरे देश को बंधक बनाने की ताकत हम में है, यह दिखाया था।

इसी बीच इराक की इन गतिविधियों पर खाड़ी के विश्लेषकों ने चिंता जताई है। सयम पर इराक की राजनीतिक समस्या दूर नहीं की गई तो इस देश में अस्थिरता निर्माण होगी, गृहयुद्ध शुरू होगा और इसका असर सिर्फ इराक पर ही नहीं बल्कि, खाड़ी पर भी होगा, यह इशारा विश्लेषक दे रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.