अमरीका के प्रतिबंधों में फंसा ईरान आयात के लिए कर रहा है क्रिप्टो का इस्तेमाल

तेहरान – अमरीका के प्रतिबंधों की वजह से ईरान को डॉलर्स में व्यापार करना मुश्किल हुआ है। ऐसी स्थिति में ईरान ने सामान आयात करने के लिए क्रिप्टो मुद्रा का इस्तेमाल शुरू किया है। इससे ईरान ने विदेश में एक करोड़ डॉलर्स के सामान का ऑर्डर दर्ज़ किया है, यह जानकारी ईरान के उद्योग, खनिज एवं व्यापार विभाग के उपमंत्री अलीरेज़ा पेमान-पाक ने प्रदान की। ईरान का यह निर्णय काफी साहसी होने का दावा किया जा रहा है।

ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम का इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने के लिए कर रहा है, यह आरोप अमरीका और यूरोपिय देश पिछले कई सालों से लगा रहे हैं। ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम रोके, इसके लिए अमरीका और यूरोपिय देशों ने ईरान पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे। ईरान के ईंधन, बैंकिंग एवं माल परिवहन क्षेत्रों को लक्ष्य करके अमरीका ने प्रतिबंधों की कार्रवाई की थी। इसका सीधा ईरान की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है और ईरान में महंगाई का भीषण उछाल हुआ तथा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी हुए।

पश्चिमी देश प्रतिबंध हटाएं इसके लिए ईरान ने साल २०१५ में परमाणु समझौता किया था। इसके बाद अमरीका और यूरोपिय देशों ने ईरान को प्रतिबंधों में रियायत दी थी। लेकिन, ईरान की अर्थव्यवस्था को दोबारा उभारने के लिए यह रियायत पर्याप्त नहीं है, ऐसा कहकर ईरानी नेताओं ने इस समझौते से पीछे हटने की माँग की थी। ऐसे में अमरिकी डॉलर के विकल्प के तौर पर अंतरराष्ट्रीय कारोबार के लिए अन्य मुद्राओं का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया था। कुछ हफ्ते पहले ईरान ने रशिया के साथ रुबल के ज़रिये कारोबार करने की चर्चा की थी।

लेकिन, ईरान ने अंतरराष्ट्रीय आयात और आगे का व्यापार क्रिप्टो मुद्रा से करने का निर्धार किया है। इसके लिए ईरान एक करोड़ डॉलर्स का पहला आयात कर रहा है और सितंबर के अन्त तक यह कारोबार पूरा होगा, यह जानकारी अलीरेज़ा ने साझा की। इसके लिए पुख्ता कौनसी क्रिप्टो मुद्रा का इस्तेमाल किया जाएगा, यह ईरान ने स्पष्ट नहीं किया है। लेकिन, ईरान घरेलू स्तर पर क्रिप्टो की माईनिंग कर रहा है, ऐसी खबरें भी प्राप्त हुई थीं। पिछले साल पूरे विश्व में किए गए क्रिप्टो की कुल माईनिंग में से ४.५ प्रतिशत माइनिंग ईरान में होने की रपट सामने आयी है।

अमरीका और पश्चिमी देशों की ईरान के साथ परमाणु समझौते पर बातचीत अभी पूरी नहीं हुई है। हाल ही में ईरान को नया प्रस्ताव दिया गया था और ईरान इस पर सोच रहा है। ऐसी स्थिति में ईरान ने क्रिप्टो करन्सी का इस्तेमाल शुरू करना ध्यान आकर्षित करता है। ईंधन से समृद्ध देशों ने डॉलर के लिए अन्य विकल्प देनेवाली मुद्रा का इस्तेमाल शुरू करने की दिशा में बढ़ाया हुआ कदम भी अमरीका बर्दाश्तन नहीं करती।

इराक के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसेन ने अपने देश के ईंधन की बिक्री डॉलर के बजाय यूरो से करने का निर्णय किया था। इसके बाद अमरीका ने सद्दाम की हुकूमत का तख्ता पलट दिया था। ऐसी स्थिति में ईरान ने क्रिप्टो करन्सी का इस्तेमाल शुरू करके अमरीका को उकसाया हैं। इस पर प्राप्त होनेवाले अमरीका के बयान पर काफी कुछ निर्भर करेगा।

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