केरमान के भीषण बम विस्फोट के बाद पाकिस्तान सीमा बंद करने के लिए ईरान की पहल

तेहरान – तीन दिन पहले केरमान शहर में हुए शक्तिशाली बम विस्फोट के बाद सुरक्षा के मद्देनज़र पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान से जुड़ी सीमा बंद करने का निर्णय ईरान ने किया है। केरमान के आतंकवादी हमले से संबंधित संदिग्धों को ईरान की सुरक्षा यंत्रणा ने हिरासत में लिया है। इसके बाद ईरान के अंदरुनि रक्षा मंत्रालय ने सीमा बंद करने का ऐलान किया। ईरान ने इससे पहले पाकिस्तान यानी आतंकवादियों का स्वर्ग होने का आरोप लगाकर पाकिस्तान में ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ करने की धमकी दी थी।

ईरान की हुकूमत से जुड़ी वृत्तसंस्था ने ईरान के अंदरुनि रक्षा मंत्री अहमद वाहिदी के दाखिले से केरमान बम विस्फोट के मामले में हुई गिरफ्तारी और सीमा की कार्रवाई की खबर साझा की। केरमान के भीषण बम विस्फोट के बाद पाकिस्तान सीमा बंद करने के लिए ईरान की पहल८९ लोगों की मौत की वजह बने केरमान के बम विस्फोट की साज़िश का हिस्सा होने वाले संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। ईरान की गुप्तचर यंत्रणा को इस विस्फोट से संबंधित कुछ अहम जानकारी प्राप्त होने की बात वाहिदी ने कही। इसके बाद ईरान के अंदरुनि रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान से जुड़ी ईरान की सीमा बंद करने के लिए ईरान की सरकार प्राथमिकता दे रही है, यह घोषित किया।

ईरान के अंदरुनि रक्षा मंत्री ने केरमान में हुए बम विस्फोट के मामले में पाकिस्तान या अफ़गानिस्तान पर आरोप लगाना टाल दिया है। लेकिन, बम विस्फोट से संबंधित आरोपियों की गिरफ्तारी होने के कुछ ही घंटे बाद ईरान ने यह सीमा बंद करने के लिए पहल करना ध्यान खींच रहा है। ईरान के कुद्स फोर्सेस के पूर्व प्रमुख कासेम सुलेमानी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में हुए इन विस्फोटों की ज़िम्मेदारी आतंकवादी संगठन ‘आईएस-खोरासान’ ने स्वीकारी है।

ईरान, अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान में खोरासान के आतंकवादियों का नेटवर्क फैला है। इनमें से ईरान और अफ़गानिस्तान में हमले करके खोरासान के आतंकवादियों ने इन देशों की हुकूमतों के सामने चुनौती खड़ी की है। अफ़गानिस्तान में तालिबान और खोरासान के आतंकवादियों का संघर्ष होने की खबरें सामने आयी थी। ईरान और तालिबान की हुकूमत बोगस होने का आरोप खोरासान ने लगाया था। केरमान के भीषण बम विस्फोट के बाद पाकिस्तान सीमा बंद करने के लिए ईरान की पहलवहीं, पाकिस्तान से खोरासान को हर तरह की सहायता प्रदान हो रही है, इसी कारण से खोरासान ने पाकिस्तान में हमले नहीं किए हैं, ऐसा दावा तालिबान का कमांडर एहसानुल्ला एहसान ने किया था।

दो हफ्ते पहले ईरान के अंदरुनि रक्षा मंत्री वाहिदी ने ही स्पष्ट शब्दों में पाकिस्तान को आगाह किया था। पाकिस्तान में आश्रय प्राप्त हुए आतंकवादी ईरान में घुसपैठ करके हमले कर रहे हैं, ऐसा आरोप वाहिदी ने लगाया था। यह आतंकवादी ईरान पर हमले करने के लिए पाकिस्तान को बतौर ‘लौन्चिंग पैड’ इस्तेमाल कर रहे हैं और इसके सबूत हमने प्राप्त किए हैं, ऐसा वाहिदी ने कहा था। पाकिस्तान इन आतंकवादियों को रोक दे नहीं तो पाकिस्तान गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहें, ऐसा इशारा वाहिदी ने दिया था।

इस वजह से अफ़गानिस्तान और ईरान यह दोनों पड़ोसी देश पाकिस्तान को आशंका से देखने लगे हैं। केरमान में हुए भीषण आतंकवादी हमले के लिए ईरान ने इस्रायल और अमेरिका पर आरोप लगाए हैं, फिर भी इस हमले के पीछे खोरासान के समर्थन में खड़े पाकिस्तान का हाथ होने का अहसास ईरान को हुआ है। पाकिस्तान की सीमा सील करने का ईरान ने किया निर्णय यही साक्ष दे रहा है।

पाकिस्तान और ईरान के बीच ९०९ किलोमीटर लंबी सीमा हैं और इसपर कुल चार क्रॉसिंग पॉईंटस्‌ हैं। इनमें से मंड और चंदगी से व्यापारिक यातायात होती है और तफ्तान एवं गब्द की सीमा से दोनों देशों के नागरिक आवाजाही करते हैं। पाकिस्तान के सैकड़ों लोग अवैध पद्धती से हमारे देश में घुसपैठ कर रहे हैं, यह आरोप ईरान ने पहले भी लगाया था। इनमें आतंकवादी एवं तस्कर भी शामिल होने की आलोचना ईरान ने की थी।

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