मिसाईल और ड्रोन हमले करके ईरान ने पाकिस्तान को दिया झटका

तेहरान/इस्लामाबाद – ईरान ने मंगलवार की रात पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। ईरान में आतंकी हमलों को अंजाम दे रही आतंकवादी संगठन ‘जैश अल-अदल’ को लक्ष्य करने के लिए यह हमले किए गए, ऐसा खुलासा ईरान ने दिया है। इस हमले के दहल उठे पाकिस्तान ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए बड़ा गुस्सा व्यक्त किया है। हमारी संप्रभूता का उल्लंघन करने वाले ईरान को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी, ऐसा धमकाकर पाकिस्तान ने ईरान से अपने राजदूत को वापस बुलाया है और इस्लामाबाद में नियुक्त ईरान के राजदूत को निष्कासित किया है। ईरान ने पाकिस्तान पर ऐसे हमले करने की वजह कुछ और होने का दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

१५ दिसंबर, २०२३ के दिन ईरान में पुलिस स्टेशन पर हमला करके जैश अल-अदल ने ११ पुलिस अधिकारियों की हत्या कर दी थी। उसके जवाब में ईरान ने पाकिस्तान में मौजूद इस आतंकवादी संगठन पर हमले किए, ऐसी जानकारी ईरान के विदेश मंत्री अमीर अब्दोल्लाहियान ने साझा की। इस हमले में पाकिस्तान के नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचा है, पाकिस्तान की संप्रभुता का ईरान सम्मान करता है, यह भी ईरान के विदेश मंत्री ने कहा है। लेकिन, पाकिस्तान ने इस हमले को अपनी संप्रभुता पर किया हमला करार देकर ईरान को धमकाया है। इस हमले पर जवाब देने का अधिकार पाकिस्तान रखता है, ऐसा इस देश के विदेश मंत्रालय ने कहा है। लेकिन, इस हमले के बाद पाकिस्तान से प्राप्त हुई प्रतिक्रियाओं पर गौर करें तो पाकिस्तान इस हमले पर ईरान को प्रत्युत्तर नहीं देगा, ऐसा विश्लेषक कह रहे हैं। साथ ही इस हमले में दो बच्चों के मारे जाने के पाकिस्तान ने किए दावे भी विश्लेषक ठुकरा रहे हैं।

मिसाईल और ड्रोन हमले करके ईरान ने पाकिस्तान को दिया झटकापाकिस्तान की सरकार ने माध्यमों को ईरान के इस हमले की खबर न देने के आदेश दिए हैं। साथ ही सरकार ने हमले के लक्ष्य बने क्षेत्र में प्रवेश न करने की सूचना भी प्रसार माध्यमों के प्रतिनिधियों से की है। इससे पाकिस्तान इस मामले को दबाने की तैयारी में होने की बात दिखने लगी है। ईरान ने पाकिस्तान पर किया यह हमला यानी ३ जनवरी को ईरान के केरमान में हुए हमले की प्रतिक्रिया होने के मुद्दे पर विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

ईरान के कुदस्‌ फोर्स के जनरल कासेम सुलेमानी को अमेरिका ने चार साल पहले इराक में हमला करके मार गिरा था। उनकी याद में ३ जनवरी को ईरान के केरमान इलाके में हजारों लोग इकठ्ठा हुए थे। तभी किए गए बस धमाकों में सौ से भी अधिक लोग मारे गए थे। ‘आईएस-खोरासान’ इस आतंकवादी संगठन ने इन बम धमाकों का ज़िम्मा उठाया था।

‘आईएस-खोरासान’ एक पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी संगठन हैं। अफ़गानिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान की गुप्तचर संगठन ‘आईएसआई’ ही ‘आईएस-खोरासान’ का इस्तेमाल करती है। इस संगठन ने पाकिस्तान के इशारों पर ही ईरान के केरमान में हुए आतंकी हमले को अंजाम दिया था, ऐसे आरोप भी लगाए गए थे। वहीं, पाकिस्तान को ईरान में यह बम धमाके करने की सूचना अमेरिका से प्राप्त हुई थी, ऐसी बड़ी चर्चा भी माध्यमों में शुरू है। पाकिस्तान के सेनाप्रमुख जनरल असीम मुनीर एक हफ्ते के लिए अमेरिका के दौरे पर थे। उसी दौरान जनरल मुनीर को यह ज़िम्मा दिया गया था, ऐसे दावे भी किए जा रहे हैं।

इसी कारण से केरमान में हुए हमले का प्रतिशोध लेकर पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमले किए है। इसके लिए ईरान ने लंबी दूरी के मिसाइलों का इस्तेमाल करके पाकिस्तान के साथ पूरे विश्व को अपना सामर्थ्य दिखाया है। वहीं, पाकिस्तान के कुछ लोगों ने ईरान के इस हमले के पीछे भारत का हाथ होने का अजब दावा किया है। भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने ईरान दौरा करने के बाद भी ईरान ने पाकिस्तान में यह हमला किया, यह महज संजोग नहीं है, ऐसी चर्चा पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर शुरू हुई है। साथ ही परमाणु पाकिस्तान की भूमि पर ईरान ने यह हमला करने के बाद इसपर मुंहतोड़ जवाब नहीं दिया तो पाकिस्तान के सम्मान की हानी होगी, ऐसी चेतावनी भी पाकिस्तानी नेटकर गुस्से से दे रहे हैं।

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