येमेन के हौथी बागियों को मिसाइल प्रदान करके ईरान ने अंतरराष्ट्रीय नियम तोडा है- अमरिका की राजदूत निक्की हैले का कड़ा आरोप

वॉशिंगटन: येमेन के संघर्ष में ईरान ने हौथी बागियों को बैलिस्टिक मिसाइल पहुंचाने का आरोप करके, संयुक्त राष्ट्रसंघ में अमरिका के राजदूत निकी हैले ने उसका सबूत प्रसार माध्यमों को प्रस्तुत किया है। इस मिसाइल का टुकड़ा प्रसार माध्यमों के सामने प्रदर्शित करके यह सबूत मतलब सुरक्षा परिषद के नियमों का उल्लंघन है, ऐसा आरोप हैले ने किया है। अब तो यूरोपीय देश जाग जाएं, ऐसी टिप्पणी हैले ने की है। पर अमरिका का यह सबूत ईरान ने झूठलाया है।

येमेन

पिछले महीने, हौथी बागियों ने सऊदी अरेबिया पर बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपित किए थे। सऊदी के सुरक्षा यंत्रणा ने ‘पेट्रीयौट’ यंत्रणा का उपयोग कर के इस मिसाइल को भेदा था। अपनी सुरक्षा यंत्रणा ने भेदे हुए, मिसाइल ईरानी बनावट की होने का आरोप सऊदी ने किया था। इसकी वजह से ईरान ने सऊदी का यह आरोप ठुकराया था। गुरुवार को वॉशिंगटन में लष्करी तल पर अमरिका के राजदूत हैले ने अंतरराष्ट्रीय प्रसार माध्यमों के सामने इस मिसाइल के टुकड़े प्रस्तुत किए हैं।

इस जगह प्रस्तुत मिसाइल यह ईरान ने अपने मित्र देशों पर किए हमले का सीधा सबूत है। हौथी बागियों के पास यह मिसाइल इरानी बनावट की ईरान ने तस्कर किया है, ऐसा आरोप निकी हैले ने किया है। इस पर ईरान ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषदने जारी किए नियमों का उल्लंघन करने की बात स्पष्ट हो रही है। हौथी बागियों ने मिसाइल की तस्करी करके ईरान द्वारा स्पष्ट रूप से आतंकवादियों का समर्थन करने का आरोप हैले ने किया है।

पिछले कई महीनों में ईरान का पक्ष लेनेवाले यूरोपियन मित्र देशों को हैले ने ईरान के विरोध में सहयोग का आवाहन किया था। ईरान के इस आक्रामकता के विरोध में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुहिम छेड़ने की आवश्यकता है। अमरिका ने ईरान के विरोध में ठोस भूमिका ली है और इन के इस खतरे के विरोध में पारदर्शी भूमिका एवं सहयोग की आवश्यकता है, ऐसा हैले ने आगे कहा है। अमरिका के राजदूत हैले ने यह सबूत प्रस्तुत किया, फिर भी संयुक्त राष्ट्रसंघ एवं यूरोपीय देशों के ईरान विषयक भूमिका पर उसका विशेष परिणाम नहीं हुआ है।

दौरान अमरिका ने प्रस्तुत किए सबूत को ईरान के विदेश मंत्री जावेद झरिफ ने झूठलाया है। सन २००३ को इराक युद्ध की शुरुआत से पहले अमरिका के भूतपूर्व विदेश मंत्री कॉलिंन पॉवेल ने भी इराक के विरोध में ऐसे ही सबूत प्रस्तुत किए थे। पर कुछ समय बाद यह सबूत झूठे साबित हुए थे, इस की याद ईरान के विदेश मंत्री ने कराई है।

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