गुलेन मुवमेंट’ मामले में तुर्की में १०० से अधिक सैनिकों को हिरासत में लिया गया

gulen-movement-turkey-2अंकारा – वर्ष २०१६ में राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की सरकार का तख्तापलट करने की साज़िश करनेवाले ‘गुलेन मुवमेंट’ से संबंधित ११२ सैनिकों को तुर्की की यंत्रणाओं ने गिरफ्तार किया है| साथ ही एर्दोगन के सियासी विरोधी मेतिन गरशान को भी हिरासत में रखा गया है| अगले कुछ ही घंटों में तुर्की में ‘इंटरपोल’ की आम सभा का आयोजन होगा| इसका लाभ उठाकर तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष अपने विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, यह आरोप लगाया जा रहा है|

पांच वर्ष पहले तुर्की में एर्दोगन की सरकार का तख्तापलटने की साज़िश नाकाम की गई थी| अमरीका ने आश्रय दिए तुर्की का धार्मिक नेता फेतुल्ला गुलेन ही इसके पीछे होने का आरोप राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने लगाया था| वर्ष २०१६ में कुल ३,३३८ लोगों को इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था| इसमें तुर्की के रक्षाबलों के पूर्व और मौजूदा अधिकारी एवं राजनीतिक नेता, सरकारी अधिकारी शिक्षक, कारोबारी और छात्रों का समावेश था| बीते दो वर्षों से यह मामला शांत था|

gulen-movement-turkey-1लेकिन, बीते दो दिनों में तुर्की की सुरक्षा यंत्रणाओं ने लगभग २२ प्रांतों में ११२ लोगों पर कार्रवाई की है| इनमें तुर्की के सेना अधिकारी कर्नल और मेजर पद के ३२ निवृत्त सैनिकों के साथ सैन्य स्कूल से निलंबित ६५ लोगों का समावेश है| गिरफ्तार हुए या वॉरंट जारी होनेवाले सभी राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन के खिलाफ राजनीतिक विद्रोह करनेवाले ‘गुलेन मुवमेंट’ से जुड़े होने का दावा तुर्की की यंत्रणाओं ने किया| इस मामले में और कुछ लोगों की गिरफ्तारी होने का अनुमान जताया जा रहा है|

इस असफल विद्रोह के मामले में राष्ट्राध्यक्ष एर्दोघन के विरोधी मेतिन गरशान को हिरासत में लिया गया| ‘डेमोक्रसी ऐण्ड प्रोग्रेस पार्टी-डेवा’ के संस्थापक मेतिन गरशान के खिलाफ राजनीतिक जासूसी का आरोप लगाया गया है| राजनीति में उतरने से पहले तुर्की के निवृत्त सेना अधिकारी एवं जंगी विश्‍लेषक के तौर पर गरशान की पहचान थी| राजनीतिक विरोधियों पर लगाम कसने के लिए राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने इन्हें धरकर दबोचना शुरू किया है, ऐसी आलोचना होने लगी है|

gulen-movement-turkey-3राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन की सरकार को तुर्की में झटके लगने लगे हैं| राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की लोकप्रियता कम हो रही है| इसके लिए एर्दोगन की गलत नीति और तानाशाही ज़िम्मेदार होने के आरोप लगाए जा रहे हैं| तुर्की की मुद्रा लिरा अब तक के न्यूनतम स्तर पर है| राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने ब्याजदरों में आक्रामक कटौती करने से ही लिरा के मूल्य में गिरावट होने का दावा किया जा रहा है|

राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन तुर्की को आर्थिक संकट से बाहर नहीं निकाल पाते, तुर्की के ६४ प्रतिशत नागरिकों की ऐसी सोच है| एक डॉलर के लिए १२ लिरा देने पड़ रहे हैं| चार दिन पहले ही डॉलर के लिए ११ लिरा देने पड़ रहे थे| लिरा के मूल्य में गिरावट के कारण तुर्की में बहुत बड़े पैमाने पर महंगाई बढ़ी है और महंगाई का निदेशांक २० प्रतिशत तक जा पहुँचा है| राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन देश के नेतृत्व के लिए सक्षम ना होने की आलोचना भी तुर्की की जनता करने लगी है| राजनीतिक विरोधी भी तुर्की में जल्द चुनाव कराने की मॉंग कर रहे हैं| ऐसी स्थिति में राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने अपने विरोधियों के खिलाफ ही कार्रवाई शुरू करके चाहे कुछ भी हो जाए हम तुर्की की सत्ता नहीं छोड़ेंगे, यह संकेत भी दिए हैं|

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