बायडेन प्रशासन की वजह से ‘इंटरनैशनल मार्केट क्रैश’ होगा – प्रसिद्ध आर्थिक विशेषज्ञ नुरिअल रुबिनी की चेतावनी

दोहा – ‘कर्ज की मर्यादा बढ़ाने के मुद्दे पर पुख्ता निर्णय करने में बायडेन प्रशासन असफल हुआ तो इसके परिणाम बड़े गंभीर हो सकते हैं। इस वजह से अमरिकी डॉलर भरोसा खो देगा और वैश्विक बाजार ढ़ह जाएगा। अगले दो हफ्तों में ‘वॉल स्ट्रिट’ पर इसके परिणाम दिखने लगेंगे’, ऐसी चेतावनी अमरीका के शीर्ष आर्थिक विशेषज्ञ नुरिअल रुबिनी ने दी। वर्ष २००८ में अमरीका के साथ विश्व की आर्थिक मंदी को लेकर आगाह करने वाले रुबिनी की यह चेतावनी काफी गंभीर है। 

‘इंटरनैशनल मार्केट क्रैश’अमरिकी कांग्रेस ने देश के आर्थिक प्रावधानों के लिए ३१.४ ट्रिलियन डॉलर्स की कर्ज मर्यादा तय की है। पिछले साल अक्टूबर महीने में बायडेन प्रशासन ने ३१ ट्रिलियन डॉलर्स की मर्यादा पार की थी। इसके बाद १९ जनवरी, २०२३ को संसद ने निर्धारित की हुई कर्ज मर्यादा भी पार की। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका के कोषागार विभाग ने ‘एक्स्ट्राऑर्डिनरी मेजर्स’ लागू किए थे। इन प्रावधानों की मर्यादा जून या जुलाई महीने में खत्म होगी।

यह मर्यादा बढ़ाए बिना अमरीका के आर्थिक संकट की तीव्रता कम नहीं होगी, ऐसा दावा किया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर बायडेन प्रशासन ने अमरिकी कांग्रेस के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की गई थी। इसी कर्ज मर्यादा की वजह बताकर राष्ट्राध्यक्ष बायडेन जापान के हिरोशिमा में आयोजित ‘जी ७’ बैठक छोड़कर स्वदेश लौटे थे। 

‘इंटरनैशनल मार्केट क्रैश’लेकिन, बायडेन प्रशासन प्रतिनिधि सदन के सभापति केविन मैक्कार्थी से चर्चा करके कर्ज मर्यादा बढ़ाने में असफल होने की आलोचना की जा रही है। कर्ज मर्यादा की समस्या का हल निकालने में असफलता हासिल हुई तो अमरीका को खतरनाक आर्थिक संकट से नुकसान पहुंचने की चेतावनी विश्लेषकों ने दी थी। इससे संबंधित खबरें भी प्रसिद्ध हुई थी। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने इसके लिए रिपब्लिकन पार्टी को ज़िम्मेदार बताया था। कतार की राजधानी दोहा में आयोजित आर्थिक बैठक में बोलते हुए प्रसिद्ध आर्थिक विशेषज्ञ रुबिनी ने कर्ज मर्यादा के इस मुद्दे पर बायडेन प्रशासन को लक्ष्य किया।

‘कर्ज मर्यादा बढ़ाने के लिए ज्यादा समय बचा नहीं हैं। इस वजह से शीघ्रता से काम करना होगा। लेकिन, बायडेन प्रशासन इसमें भी असफल हुआ तो बाज़ार ढ़ह जाएगा’, यह दावा रुबिनी ने किया। अमरीका और चीन के बिगड़ रहे आर्थिक संबंध अगले वर्ष वैश्विक अर्थ व्यवस्था के लिए चुनौती साबित होंगे, ऐसी चेतावनी भी रुबिनी ने दी। जापान में आयोजित ‘जी ७’ बैठक के बाद अमरीका और चीन के संबंध अधिक बिगड़ेंगे, दोनों देशों का शीतयुद्ध अधिक तीव्र होगा, यह भी रुबिनी ने कहा।

इसी के साथ अमरिकी डॉलर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में अपना प्रभाव खो रहा हैं, ऐसी आलोचना रुबिनी ने की। डॉलर के आरक्षित मुद्रा के तौर पर हो रहा इस्तेमाल अमरीका के आर्थिक संकट की वजह से प्रभावित होगा। अमरिकी डॉलर के विकल्प की हो रही मांग इससे अधिक मज़बूत होगी, ऐसी चेतावनी भी रुबिनी ने दी। पिछले कुछ दिनों से विश्व के प्रमुख देश डॉलर को दूर रखकर व्यापार करने के लिए बढ़ावा दे रहे हैं, इसकी याद भी रुबिनी ने दिलायी। साथ ही दुनियाभर के निवेशक अमरिकी बायडेन प्रशासन और कांग्रेस की चर्चा को बड़ी बारिकी से देख रहे हैं, ऐसा रुबिनी ने कहा।

कुछ दिन पहले अमरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने भी कर्ज मर्यादा के मुद्दे पर चिंता व्यक्त थी। १ जून के बाद अमरीका अपने कर्ज का भुगतान नहीं कर सकेगी, ऐसी चेतावनी येलेन ने दी थी। 

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