१०० टन अनाज के साथ ‘आयएनएस ऐरावत’ सुदान पहुँची

नई दिल्ली – भारतीय नौसेना की ‘आयएनएस ऐरावत’ युद्धपोत १०० टन अनाज के साथ अफ्रीका के सुदान में दाखिल होने की जानकारी भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने साझा की है। कोरोना की महामारी और नैसर्गिक आपत्ति की पृष्ठभूमि पर भारत ने ‘मिशन सागर-२’ के तहत सुदान, दक्षिणी सुदान, जिबौती और इरिट्रिया इन अफ्रिकी देशों को अनाज की सहायता प्रदान की है। इससे पहले मई-जून २०२० में ‘मिशन सागर’ के पहले चरण में भारत ने मालदीव, मॉरिशस, सेशल्स, मादागास्कर और कोमोरोस को अनाज और औषधि की सहायता प्रदान की थी।

१०० टन अनाज के साथ ‘आयएनएस ऐरावत’ सुदान पहुँची‘आयएनएस ऐरावत’ २४ अक्तुबर के दिन अफ्रिकी देशों को कुल २७० टन अनाज की राहत सामग्री पहुँचाने के लिए निकली थी। इसमें १५५ टन आटा, ६५ टन चावल और ४० टन शक्कर का समावेश है। सोमवार के दिन ‘आयएनएस ऐरावत’ इस राहत सामग्री के साथ सुदान पहुँची। इनमें से १०० टन अनाज की सहायता सुदान को प्रदान होगी। कोरोना की महामारी और नैसर्गिक आपत्ति की वजह से सुदान की २५ प्रतिशत जनता भुखमरी का मुकाबला कर रही है। इस पृष्ठभूमि पर सुदान की सरकार की बिनती पर भारत ने अनाज की यह सहायता प्रदान की है।

नैसर्गिक आपत्ति और कोरोना का मुकाबला कर रहे अफ्रिकी देशों को भारत मानवता के नज़रिये से सहायता प्रदान कर रहा है। इससे पहले भारत ने लगभग १३ अफ्रिकी देशों को आवश्‍यक औषधि, इंजेक्शन्स, थर्मामीटर, क्लोरोक्वीन, पैरासिटामोल समेत अन्य दवाईयों की आपूर्ति की थी। इसके अलावा ‘मिशन सागर’ के पहले चरण में भारत ने मालदीव, मॉरिशस, सेशल्स, मादागास्कर और कोमोरोस को अनाज और औषधियों की सहायता प्रदान की थी।

भारत और अफ्रिकी देशों की सितंबर में विशेष वर्चुअल बैठक हुई थी। इस दौरान अफ्रिकी महाद्विप के लिए भारत एक भरोसेमंद एवं मज़बूत भागीदार साबित होगा, यह वादा भारत ने किया था। इस पृष्ठभूमि पर भारत द्वारा यह सहायता प्रदान करना अहमियत रखता है।

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