कंदहार में अफ़गान सुरक्षा बलों ने की कार्रवाई में १७५ तालिबानी मारे गये

काबुल – अफ़गानिस्तान के कंदहार प्रांत में अफ़गान सुरक्षा बल और तालिबान के बीच हुए संघर्ष में १७५ तालिबानी मारे गए हैं। इस कारवाई में ढ़ेर हुए आतंकियों में सात तालिबानी कमांडर्स का समावेश होने की जानकारी अफ़गान सुरक्षा बलों ने प्रदान की है। इसी के साथ काबुल युनिवर्सिटी में हुए आतंकी हमले की ज़िम्मेदारी ‘आयएस’ ने स्वीकारी है। लेकिन, अफ़गानिस्तान की सरकार ने इस हमले के पीछे तालिबान का हाथ होने का स्पष्ट दावा किया है।

१७५ तालिबानी

अफ़गानिस्तान के कंदहार प्रांत में बीते कुछ दिनों से तालिबान की हिंसा काफी मात्रा में बढ़ी है। इससे आम नागरिक मारे जा रहे हैं। तालिबान की बढ़ती हरकतों की पृष्ठभूमि पर अफ़गान सुरक्षा बलों ने तालिबान के विरोध में जोरदार कार्रवाई करना शुरू किया है। रविवार रात अफ़गान सुरक्षा बल और तालिबान के बीच जोरदार संघर्ष शुरू हुआ। इस संघर्ष में अफ़गान सुरक्षा बल ने १७५ तालिबानियों को मार गिराया। इनमें सात कमांडर्स का समावेश है। इसके अलावा कुल २६ तालिबानी घायल होने का वृत्त है। कंदहार के संघर्ष में तालिबान का काफी कम मात्रा में नुकसान हुआ, यह दावा तालिबान ने किया है। लेकिन, असल में तालिबान को इस संघर्ष में काफी ज्यादा मात्रा में नुकसान होने की बात अफ़गान सुरक्षा यंत्रणा ने कही है।

इसी बीच, सोमवार के दिन काबुल युनिवर्सिटी में हुए आतंकी हमले की ज़िम्मेदारी ‘आयएस’ ने स्वीकारी है। इस हमले में २२ की मौत हुई। लेकिन, यह हमला तालिबान ने ही किया था, यह दावा अफ़गानिस्तान के उप-राष्ट्राध्यक्ष अमरुल्लाह सालेह ने किया है। इस हमले में इस्तेमाल किए गए हथियार तालिबान ही रखती है, यह बयान सालेह ने आगे किया। साथ ही आतंकियों के बक्से से तालिबान का झंड़ा बरामद होने की बात सालेह ने कही है। इस वजह से इस हमले के लिए आयएस नहीं बल्कि तालिबान ही है, यह बात उपर-राष्ट्राध्यक्ष सालेह ने ड़टकर कही है।

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