स्वदेशी सामान खरीदने के लिए प्रधानमंत्री का जनता से आवाहन

अहमदाबाद – अगले २५ सालें में स्थानीय स्तर पर तैयार सामान की खरीद बढ़ी तो देश में बेरोज़गारी नहीं बचेगी, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्त किया| इसके लिए ‘वोकल फॉर लोकर’ यानी स्थानीय सामान का पुरस्कार करने की आवश्यकता हैं| इससे देश आत्मनिर्भर बनेगा, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा हैं|

गुजरात के मोरबी में श्री हनुमान की १०८ फीट उंची मूर्ती का अनावरण किया गया| इस दौरान वर्चुअल माध्यम से जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने हनुमान एक भारत श्रेष्ठ भारत का काफी अहम सूत्र होने की बात स्पष्ट की| परतंत्रता के दौर से बाहर निकलने के लिए भारत को अध्यात्मिक चेतना से काफी बड़ा बल प्राप्त हुआ था, इसकी याद भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान ताज़ा की| हनुमान का स्मरण करना यानी सेवाभाग-समर्पण के भाव का स्मरण करना ही होता  हैं, ऐसा कहकर देश की आज़ादी के ७५ साल पूरे होने के दौरान सेवाभाव जिस मात्रा में सक्षम होगा, उसी मात्रा में देश प्रगति करेगा, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा हैं|

मौजूदा समय का दाखिला देकर प्रधानमंत्री ने यह संदेश दिया कि, प्रगति के अलावा हमारे सामने अन्य विकल्प ना होने की बात हमें स्वीकारनी होगी| अगले २५ साल तक देश में ही बना और हमारे कामगारों ने बनाए सामान खरीदे तो देश में बेरोजगारी खत्म होगी, इस ओर प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया| बाहर से लाए सामान की तुलना में काफी कम फर्क होने के बावजूद हमारे देश में तैयार किए सामान को प्राथमिकता देनी होगी| इससे देश की स्थिति-गति बदलेगी, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री ने इस दौरान व्यक्त किया हैं|

इसी बीच, प्रधानमंत्री ने किए इस आवाहन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी गतिविधियों की पृष्ठभूमि हैं| कोरोना की महामारी से बने ‘सप्लाई चेन क्राइसिस’ यानी सप्लाई चेन में उभरे संकट से परेशान कई देश सामान की किल्लत का सामना कर रहे है| दूसरें देश से आ रहें सामान पर निर्भर रहें देशों की स्थिति इससे खराब हुई हैं| इस कारण अपने ही देश में उत्पादन की प्रक्रिया गतिमान करने की अहमियत रेखांकित हुई हैं| इससे सबक लेकर भारत ने स्थानिय स्तर पर उत्पादन बढ़ाने को गति प्रदान की हैं और रक्षा से औद्योगिक क्षेत्र तक आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता देना शुरू किया हैं| साथ ही जागतिक उद्योग क्षेत्र को भारत से ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड’ यह संदेश दिया जा रहा हैं| इसे प्रतिसाद प्राप्त हो रहा हैं और चीन जैसें देश से बाहर निकल रहीं कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियॉं भारत में अपने उत्पादन का केंद्र स्थानांतरित करने की तैयारी कर रही हैं|

ऐसी स्थिति में देश में तैयार किए सामान की खरीद करने पर अर्थव्यवस्था को गति प्राप्त होगी, इसपर प्रधानमंत्री गौर कर रहे हैं| इससे अपने ग्राहकशक्ति का देश के विकास के लिए प्रभावी इस्तेमाल हो सकता हैं और इसका अहसास भी प्रधानमंत्री ने जनता को कराया हैं|

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