प्रतिबंधों की धमकियां और मानवाधिकारों का मुद्द उठानेवाली अमेरिका को भारत के विदेशमंत्री मारा तमाचा

वॉशिंग्टन – अमेरिका भारत पर प्रतिबंधों के इशारे और मानवाधिकारों के तथाकथित हनन के मुद्दों का हथियारों की इस्तेमाल करनेवाली धमकियां दे रही है। अमेरिका समझती थी कि, इसकी वजह से भारत रशिया के साथ अपने पारंपारिक मैत्रीपूर्ण सहयोग तोड देगा। पर भारत पर प्रतिबंध लगाने हैं या नहीं यह अमेरिका पर निर्भर करता है, यह कहकर विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने संदेश दिया है कि, भारत प्रतिबंधों की परवाह नहीं करेगा। इसके अलावा यदि अमेरिका भारत के मानवाधिकारों का मुद्दा उठाएगी तो भरत को अमेरिका के मानवाधिकारों की बात पर बोलने का अधिकार है। इसका अहसास भी विदेशमंत्री ने सटीक शब्दों में कराया है।

us-india-sanctions-threatटू प्लस टू चर्चा में विदेशमंत्री जयशंकर ने रशिया के साथ सहयोग के बारे में अमेरिका द्वारा जताई गई आपत्तियों का मूहतोड जवाब दिया था। भारत रशिया से ईंधन खरीद रहा है, ऐसा कहकर इसका विरोध करनेवाली अमेरिकी माध्यमों की जयशंकर ने खिंचाई की थी। भारत रशिया से महीनेभर में जितना ईंधन खरीदता है, उससे अधिक ईंधन युरोप एक दिन में खरीदता है। आपको इसकी अधिक चिंता करनी चाहिए, ऐसी चपत भारत के विदेशमंत्री ने प्रश्नाकर्ताओं को लगाई। 

अमेरिका के विदेशमंत्री एवं संरक्षणमंत्री की उपस्थिति में संयुक्त पत्रकार परिषद में विदेशमंत्री जयशंकर ने इसके द्वारा अमेरिका के दुरंगेपन की ओर इशारा किया। यह बात अमेरिका को बहुत चुभी थी। टू प्लस टू चर्चा के दौरान भारत के मानवाधिकारों के तथाकथित हनन पर अमेरिका की नजर होने की बात कहकर अमेरिका के विदेशमंत्री ने अपना असंतोष व्यक्त करने की कोशिश की। तथा रशिया के साथ व्यापारी और अन्य आघाडी के सहयोगों को जारी रखनेवाले भारत पर प्रतिबंध लगाने हैं या नहीं, इस पर फिलहाल निर्णय नहीं हुआ है, ऐसे सूचक शब्द भी अमेरिका के विदेशमंत्री ने कहे थे। अमेरिका भारत पर प्रतिबंध लगा सकेगी, ऐसा इशारा इसके द्वारा विदेशमंत्री ब्लिंकन ने दिया था।

‘काऊंटरिंग अमेरिकास एडवर्सरीस थ्रू सैंक्शन्स ऐक्ट-सीएएटीएसए-काट्सा’ नियमों के अंतर्गत अमेरिका ने रशिया से हवाई सुरक्षा यंत्रणा खरीदने वाले भारत को प्रतिबंधों की धमकी दी थी। अमेरिका के लोकप्रतिनिधी भारत को इन नियमों से रियायत देने की मांग कर रहे हैं। इसके बारे में अब तक बायडेन प्रशासन ने निर्णय नहीं लिया है।

भारत को धमकाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। तो, भारत के मानवाधिकारों का मुद्दा उठाकर इसके द्वारा भारत की दिक्कतों को बढाया जा सकता है, इस बात की ओर अमेरिका के विदेशमंत्री ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। मगर अमेरिका में आयोजित किए गए एक स्वतंत्र पत्रकार परिषद में विदेशमंत्री जयशंकर ने फिर से अमेरिका को सच्चाई का अहसास कराया।

रशिया के साथ सहयोग की अबत पर प्रतिबंध लगाए जाएं या नहीं, इसका निर्णय लेना अमेरिका का अंतर्गत मामला है। यह अमेरिका ने बनाया हुआ कानून है और इसके इस्तेमाल का निर्णय अमेरिका ही ले सकती है। भारत इन प्रतिबंधों का विचार किए बगैर अपने संबंधों को बरकरार रखने के लिए उचित कदम उठाएगा, ऐसा जयशंकर ने कहा। भारत अमेरिका के प्रतिबंधों की पर्वाह नहीं करेगा, यह बात जयशंकर ने राजनैतिक भाषा में पेश की है। इसके अलावा भारत के मानवाधिकारों का मुद्दा अमेरिका यदि उठाती है तो अमेरिका के मानवाधिकारों की स्थिति के बारे में बोलने का अधिकार भारत को भी है। भारत अमेरिका की लॉबीज़ और वोटबैंक का मुद्दा उठाएगा, यह बात जयशंकर ने अमेरिका के ध्यान में लाई।

हाल ही में अमेरिका में दो सिखों पर हमला हुआ था, इसकी याद भारत के विदेशमंत्री ने दिलाकर अमेरिका को आईना दिखाया।

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