स्वदेशी सेंसर्स देश की लष्करी तकनीक में बदलाव करेंगे – ‘डीआरडीओ’ प्रमुख

नई दिल्ली: पाकिस्तान के सैनिक और आतंकियों की सीमा क्षेत्र में बढ रही घुसपैठ एवं लद्दाख से अरूणाचल के सीमा तक चीन की लष्करी गतिविधियों में बढोतरी होने की पृष्ठभुमि पर भारत ने अपने रक्षा बल को आधुनिक और अद्ययावत करने के लिए विशेष महत्व दिया है| इस के लिए भारतीय रक्षा बल सीमा पर ‘लेझर फेंसिंग’ का निर्माण करने से मानव रहित टेहळणी विमानों में सेंसर्स का इस्तेमाल करने के लिए तेजी से कदम बढा रहा है| इस पृष्ठभुमि पर स्वदेशी सेंसर्स देश की लष्करी तकनीक में बदलाव करेंगे और ‘मानव रहीत’ विमानों के लिए (यूएव्ही) यह तकनीक उपयुक्त साबित होगी, यह दावा भारत के ‘रक्षा संशोधन विकास संस्था, (डीआरडीओ) के प्रमुख जी.सतीश रेड्डी इन्होंने किया है|

स्वदेशी, सेंसर्स देश, लष्करी, तकनीक, बदलाव, करेंगे, डीआरडीओ, प्रमुख, नई दिल्ली, पाकिस्तानजागतिक स्तर पर मानव रहित विमान यानी ड्रोन का महत्व बढ रहा है| नागरी इस्तेमाल से लष्करी मुहीम के लिए भी ‘ड्रोन’ की सहायता ली जा रही है| पहले गश्ती के लिए इस्तेमाल हो रहे ड्रोन्स अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सीरिया, यमन और सोमालिया में आतंकियों के ठिकानों पर हमला कर रहे है| इस वजह से इन ड्रोन्स में आधुनिक बदलाव होना भी उतनाही अहम साबित होता है| भारतीय संशोधकों ने भी ‘ड्रोन्स’ को प्रगत तकनीक से तैयार करने के लिए कदम बढाए है| ‘एरॉनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया’ ने (एएसआई) ने आयोजित की हुई ‘अनमॅन्ड् एअर क्राफ्ट ऍण्ड चैलेंजेस’ इस परिषद के योग से डीआरडीओ प्रमुख जी.सतीश रेड्डी इन्होंने स्वदेशी सेंसर्स और ड्रोन्स के इस तकनीक का महत्व रेखांकित किया|

‘ड्रोन्स रक्षा और नागरी क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहे है| इस वजह से इस क्षेत्र की ओर जल्स से जल्द ध्यान देना जरूरी है, यह मत ‘डीआरडीओ’ प्रमुख रेड्डी इन्होंने रखा| साथ ही आधुनिक यूएव्ही के विकास के लिए और निर्माण के लिए ‘डीआरडीओ’ ने बडा योगदान किया है और जल्द ही रक्षा मंत्रालय ‘ड्रोन ऑलिंपिक्स्’ स्पर्धा का आयोजन कर रहा है, यह जानकारी रेड्डी इन्होंने दी| अगले वर्ष हो रहे ‘एअरो इंडिया’ के कार्यक्रम के दौरान इस स्पर्धा का आयोजन होगा| इस दौरान ‘डीआरडीओ’ ड्रोन्स के सेंसर्स के मुद्दे पर अहम ऐलान करने की संभावना है|

‘एएसआई’ ने आयोजित की हुई इस परिषद के लिए ‘नीति आयोग सदस्य व्ही.के.सारस्वत भी उपस्थित थे| डीआरडीओ’ प्रमुख ड्रोन्स में स्वदेशी सेंसर्स की अहमियत बता रहे थे तभी सारस्वत इन्होंने ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ (एआई) के मुद्दे पर अपने विचार रखे|

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