भारतीय अर्थव्यवस्था सामान्य होने के संकेत

भारतीय अर्थव्यवस्थानई दिल्ली – बीते वित्तीय वर्ष की जुलाई से सितंबर के तिहामी की तुलना में इस वर्ष के दूसरे तिमाही के दौरान भारत के ‘जीडीपी’ का विकास ८.४ फीसदी अधिक रहा| कोरोना की महामारी शुरू होने से पहले की तुलना में अर्थव्यवस्था का यह प्रदर्शन बेहतर होने की बात दिख रही है| ‘नैशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस – एनएसओ’ ने यह जानकारी सार्वजनिक की| इस वजह से कोरोना की महामारी को पीछे छोड़कर भारतीय अर्थव्यवस्था तेज़ी से प्रगति कर रही है, यह भी स्पष्ट हो रहा है| विश्‍वभर के अन्य प्रमुख देशों की तुलना में भारत का यह आर्थिक प्रदर्शन अधिक ध्यान आकर्षित कर रहा है|

इस वर्ष के अप्रैल-जून की तिमाही में भारत के जीडीपी के विकास दर में २०.१ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई| बीते वित्तीय वर्ष में इसी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने भारी २४.४ प्रतिशत गिरावट आई थी| यह देश के लिए काफी बड़ा झटका था| कोरोना की तीव्रता बढ़ने से देशभर में लॉकडाऊन का ऐलान किया गया था| इसका असर कारोबार पर पड़ने की वजह से अर्थव्यवस्था भी सिकुड़ गई थी| वर्तमान वर्ष में भी कोरोना की दूसरी लहर देखी गई और इससे कुछ राज्यों को काफी बड़ा नुकसान पहुँचा| इन सभी संकटों को पीछे छोड़कर भारतीय अर्थव्यवस्था अब स्पष्टरूप से सामान्य होती हुई दिख रही है|

भारतीय अर्थव्यवस्थावर्तमान वर्ष के जुलाई-सितंबर की तिमाही में ३५,७३,४५१ करोड़ रुपये ‘जीडीपी’ देखा गया था| कोरोना की महामारी शुरू होने से पहले के दिनों में यही मूल्य ३५,६१,५३० करोड़ था| कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद देश में लॉकडाऊन की स्थिति में ‘जीडीपी’ ३२,९६,७१८ करोड़ रुपये दर्ज़ हुआ था| इस वजह से वर्तमान वर्ष में कुल ‘जीडीपी’ कोरोना की महामारी शुरू होने से पहले के दौर से अधिक होने की बात देखी गई है और देश को इससे राहत मिल रही है| इसके साथ ही ‘एनएसओ’ द्वारा साझा की हुई जानकारी के अनुसार देश के ८ उद्योग क्षेत्रों में अक्तुबर में ७.५ प्रतिशत बढ़ोतरी देखी गई|

भारत के प्रमुख आर्थिक सलाहकार के.वी.सुब्रमण्यम् ने यह भरोसा जताया है कि, अगले दिनों में भारत का विकास दर २ आँकड़ों का होगा| बढ़ रही मॉंग और बैंकिंग क्षेत्र के प्रदर्शन पर गौर करें तो भारत यह मकाम आसानी से हासिल कर लेगा, यह विश्‍वास प्रमुख आर्थिक सलाहकार ने व्यक्त किया| अर्थव्यवस्था इस तरह से गतिमान हो रही है, यह देश के लिए संतोष की बात है| इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने अब भी कुछ गंभीर चुनौतियॉं हैं, इस ओर भी विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं| कोरोना के नए वेरियंट की वजह से देश की इस आर्थिक प्रगति में गतिरोधक निर्माण हो सकता है, यह इशारा भी दिया जा रहा है|

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