भारत के प्रधानमंत्री एवं युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष में फोन पर चर्चा

नई दिल्ली – रशिया एवं युक्रेन के बीच युद्ध की बढती भीषणता के चलते युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदोमिर ज़ेलेन्स्की ने फोन पर भारत के प्रधानमंत्री से चर्चा की। रशिया एवं युक्रेन के युद्ध को रोककर शांति प्रस्थापित होने के लिए एक योजना पर काम किया जा रहा है। इसमें भारत की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेन्स्की ने इस चर्चा के दौरान कहा, ऐसी खबर मिली है। युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने ही सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी।

युक्रेन के राष्ट्राध्यक्षरशिया ने युक्रेन पर हमलों की तीव्रता बडे पैमाने पर बढाई है और रशिया के मिसाईल, रॉकेट्स एवं तोपों की तीव्रता की वजह से युक्रेन के शहर नेस्तनाबूत हो गए हैं। इसके अलावा रशिया ने युक्रेन के बिजली निर्माण एवं वितरण व्यवस्था को लक्ष्य किया है इसलिए कडाके की ठंड मॆं युक्रेन की जनता पर भीषण संकट आन पडा है। पर रशिया यह युद्ध खत्म करने के बजाय अधिक बढा रही है, ऐसा आरोप युरोपिय देश लगा रहे हैं। ऐसी स्थिति में रशिया को यह युद्ध रोकने के प्रस्ताव दिए जा रहे हैं। पर रशिया कुछ भी सुनने के लिए राज़ी नहीं है।

ऐसी स्थिति में युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने भारत के प्रधानमंत्री से फोन पर भारत के रशिया पर प्रभाव का इस्तेमाल करने की कोशिश करने के संकेत मिल रहे हैं। इससे पहले रशिय केवल भारत की ही सुनेगी, ऐसे दावे युक्रेन के नेताओं एवं राजनीतिक अधिकारियों किए थे। इसी लिए भारत रशिया पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके रशिया के युक्रेन पर हमले रुकवाए जाएं, ऐसा आवाहन युक्रेन के नेता एवं राजनीतिक अधिकारी कर रहे हैं। पर भारत ने युक्रेन का युद्ध रोकने के लिए आवाहन करते समय ही, रशिया के सुरक्षा विषयक हित संभालने की जरुरत होने का अहसास युक्रेन समेत पश्चिमी देशों ने भी कराया था।

इस दौरान, प्रधानमंत्री मोदी एवं युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेन्स्की के बीच चर्चा की खबर भारत के विदेश मंत्रालय ने भी दी है। युक्रेन का युद्ध रोककर शांति प्रस्थापित करने करने की सभी कोशिशों को भारत से सहायता मिलेगी, ऐसा ग्वाही प्रधानमंत्री मोदी ने युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष को दी है। यह युद्ध रोककर इस समस्या को सुलझाने के लिए शाश्वत मार्ग निकाला जाए और ऐसा मार्ग केवल राजनीतिक चर्चा से निकल पाएगा, इन शब्दों में प्रधानमंत्री मोदी ने युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष के समक्ष भारत की भूमिका रखी।

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