विश्व में जारी उथल-पुथल का भारत के विकास पर असर नहीं होगा – मुडीज्‌‍ का दावा

नई दिल्ली – वैश्विक स्तर पर उछल रही महंगाई, यूक्रेन युद्ध और ताइवान की खाड़ी में निर्माण हुए तनाव के संकट ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को घेरा है। साथ ही सप्लाई चेन बाधित हुई है और इससे अमरीका और चीन समेत सभी प्रमुख देशों की अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट जारी है। ऐसी स्थिति में भी भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर प्रदर्शन कर रही है और आनेवाले दो सालों में भी भारत की अर्थव्यवस्था पर वैश्विक स्तर की इन गतिविधियों का असर नहीं होगा, यह दावा अंतरराष्ट्रीय स्तर की नामांकित ’मुडीज्‌‍’ नामक विश्वस्तता की परख करने वाली संस्था ने की है। लेकिन, भारतीय विश्लेषक इस पर सावधानता की प्रतिक्रिया देते हुए कह रहे हैं कि, प्रमुख देशों की अर्थव्यवस्थाओं की गिरावट का असर भारत पर भी पड़ेगा।

भारत के विकासवैश्विक स्तर पर जारी आर्थिक गिरावट का भारत पर विशेष असर नहीं होगा। साल २०२२-२३ के वित्तीय साल में भारत की अर्थव्यवस्था तकरीबन ७.६ प्रतिशत विकासदर के साथ प्रगति करेगी। साल २०२३-२४ में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास गति ६.३ प्रतिशत होगी, यह दावा मुडीज्‌‍ ने किया है। पहले के दौर में भारत में निवेष करने को लेकर नकारात्मकता दर्शाने वाली मुडीज्‌‍ ने कुछ महीनों बाद भारत के निवेष के मानांकन में सुधार किया है और भारतीय अर्थव्यवस्था पर अधिक विश्वास्नीयता दर्ज रही है। भारत की अर्थव्यवस्था एक-दो क्षेत्रों पर निर्भर नहीं है। अर्थव्यवस्था के विभिन्न आधार ही भारत की सबसे बड़ी ताकत साबित होते हैं। इस वजह से यूक्रेन युद्ध, वैश्विक स्तर पर महंगाई में उछाल का कोई असर भारत की अर्थव्यवस्था पर नहीं पड़ेगा, यह अनुमान इस संस्था ने व्यक्त किया है। भारत की अर्थव्यवस्था इन समस्याओं का सामना करने की क्षमता रखती है, यह अनुमान भी मुडीज्‌‍ ने दर्ज़ लगाया है।

इसके बावजूद भारतीय विश्लेषक अब भी यह चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि, वैश्विक स्तर पर आर्थिक गिरावट और अनिश्चितता का भारत के निर्यात पर असर पड़ेगा। आर्थिक संकट की वजह से विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं में भी गिरावट होने लगी है। ऐसे दौर में इन देशों से माँग घट रही है। यह मुद्दा भारत के निर्यात पर असर कर रहा है और अगस्त में इसके संकेत प्राप्त हुए हैं, इस पर भी विश्लेषकों ने ध्यान आकर्षित किया। अगस्त में भारत की व्यापारी निर्यात में १.१५ प्रतिशत गिरावट दर्ज़ हुई। यह स्थिति चिंताजनक है, ऐसी चेतावनी विश्लेषक दे रहे हैं।

इसी बीच अमरीका के ‘द न्यूयॉर्क टाईम्स’ अखबार ने अमरीका और चीन समेत सभी प्रमुख देशों की अर्थव्यवस्थाओं की गिरावट के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था का विकास हो रहा है, इसका संज्ञान लिया है। भारत की अर्थव्यवस्था सिर्फ निर्यात पर आधारीत नहीं है बल्कि, भारत के अंदरुनी हिस्से से काफी बड़े पैमाने पर माँग आती है। इसी कारण निर्यात पर आधारित अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, वे समस्याएं भारत को परेशान नहीं करेंगी। साथ ही भारत सरकार ने अपनाई हुई कल्याणकारी नीति की वजह से जनता को काफी मात्रा में राहत मिली है और इसका देश के आर्थिक प्रदर्शन पर अच्छा असर हो रहा है, यह दावा भी इस अमरिकी अखबार ने किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.