जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले करने मे शामिल और एक आतंकवादी पाकिस्तान में ढ़ेर

कराची – जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले कर रही आतंकी संगठन ‘अल बद्र’ का कमांडर सईद खालिद रझा पाकिस्तान के कराची शहर में मारा गया है। अज्ञात हमलावरों ने रझा को उसके घर के बाहर गोली मारकर खत्म किया। कुछ दिन पहले ही आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का तीसरे क्रमांक का नेता बशिर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम को पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर में खत्म किया गया था। रझा को ढ़ेर करने की ज़िम्मेदारी ‘सिंधूदेश रिवोल्युशनरी आर्मी’ ने स्वीकारी है। भारत में आतंकी हमले करनेवाले आतंकवादियों को वहीं खत्म किए जाने से पाकिस्तान की सुरक्षा यंत्रणा बेबस होती दिख रही है।

जम्मू और कश्मीर में ९० के दशक में आतंकवाद फैलानेवालों में ‘सईद खालिद रझा’ का भी समावेश था। रझा ने कुल आठ वर्ष हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांड़र बनकर आतंक फैलाया था। पाकिस्तान की ‘जमात ए इस्लाम’ से जुड़ी संगठन के तौर पर ‘अल बद्र’ का ज़िक्र होता है। अल बद्र ने ९० के दशक में हिजबुल मुजाहिदीन से सहयोग करके जम्मू और कश्मीर में बड़े हमले किए थे। उस समय रझा हिजबुल के लिए काम कर रहा था। लेकिन, साल १९९८ में अमरीका ने अल बद्र को आतंकवादी संगठन घोषित करने के बाद इस संगठन के नाम से काम करना आतंकवादियों के लिए कठिन हुआ था। इस वजह से रझा पाकिस्तान लौट आया था।

भारत में आतंकी हमले करने में शामिल यह आतंकवादी पाकिस्तान के कराची शहर के एक स्कूल के व्यवस्थापन में वरिष्ठ पद पर काम कर रहा था। रविवार को कराची में स्थित ‘गुलिस्तान ए जोहर’ के ‘ब्लॉक ७’ में मौजूद अपने घर से रझा बाहर निकला और तभी वहां छिपे बैठे अज्ञात हमलावरों ने काफी नज़दिक से गोली मारकर रझा को वहीं ढ़ेर कर दिया। इस हमले को लेकर कराची पुलिस और पाकिस्तान के माध्यम विरोधी दावे कर रहे हैं। यह आतंकी हमला नहीं था, बल्कि लूटमार करने के लिए रझा की हत्या की गई, ऐसा दावा कराची पुलिस ने किया है।

इसी बीच पाकिस्तान के माध्यमों ने रझा का किमती सामान वहां ऐसे ही पड़ा होने के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया। किसी ने तो रझा को खत्म करके हटाया, ऐसा दावा भी पाकिस्तानी माध्यमों ने किया है। इसी बीच, इम्तियाज आलम और बाद में सईद खालिद रझा जैसे जम्मू और कश्मीर में आतंकी हमले करनवाले आतंकवादियों की पाकिस्तान में ही हत्या होने से पाकिस्तानी सुरक्षा यंत्रणाओं को सदम लगता दिख रहा है। सोशल मीडिया पर ‘सिंधूदेश रिवोल्युशनरी आर्मी’ ने रझा की हत्या का ज़िम्मा स्वीकार किया है।

सिंध प्रांत पाकिस्तान का हिस्सा नहीं हैं, यह स्वतंत्र देश हैं, ऐसा ‘सिंधूदेश रिवोल्युशनरी आर्मी’ का कहना हैं। सिंधू देश की स्वतंत्रता की मांग कर रहे कुछ गुट हथियार उठाकर हमें पाकिस्तान के अलग होना हैं, यह ऐलान कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में रझा एक पाकिस्तानी कुख्यात गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’ का हस्तक था, ऐसा आरोप लगाकर ‘सिंधूदेश रिवोल्युशनरी आर्मी’ ने उसे मार गिराया, ऐसा इस संगठन ने सोशल मीडिया पर घोषित किया है।

इससे पहले हिजबुल का आतंकवादी इम्तियाज आलम की हत्या के लिए भारत की गुप्तचर संगठन ‘रॉ’ ज़िम्मेदार होने के आरोप पाकिस्तान से लगाए गए थे। ऐसी स्थिति में रझा की हत्या भी भारत ने ही करवायी है, ऐसा आरोप पाकिस्तान से लगाया जा सकता था। लेकिन, ‘सिंधूदेश रिवोल्युशनरी आर्मी’ ने इस हमले का ज़िम्मा उठाकर पाकिस्तान को झटका दिया है। इसके मद्देनज़र भारतीय सोशल मीडिया पर भारत में आतंकी हमले करनेवालों का पाकिस्तान के अंदरुनि संघर्ष में सफाया होने के मुद्दे पर संतोष व्यक्त किया जा रहा हैं।

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