चीन सीमा के समीप भारतीय सेना के आधुनिक बंकर्स

नवी दिल्ली, दि. २४ : भविष्य में चीन की हरकतों को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना ने चीन सीमा के पास अपना सुरक्षा कवच और मज़बूत करने की तैयारी की है| चीन सीमा पर रक्षासिद्धता बढाने की दृष्टि से, भारतीय सेना द्वारा आधुनिक बंकर्स खड़े किए जा रहे हैं| पिछले दो साल में, पूर्व और उत्तर सिक्कीम में चीन सीमा के पास हज़ार से भी अधिक नये बंकर्स खड़े किये गये हैं, ऐसी जानकारी सेना के सूत्रों ने दी|

आधुनिक बंकर्स

भारत ने चीन की सीमा के पास रक्षा के लिए ‘माऊंटन स्ट्राईक कॉर्प्स’ इस विशेष लष्कर की टुकड़ी तैनात की है| ‘माऊंटन स्ट्राईक कॉर्प्स’ चीन सीमा के पास तैनात की जायेगी और नये बंकर्स खड़े करने की तैयारी, यह इसी तैनाती की पूर्वतैयारी है, ऐसा कहा जा रहा है| नये बंकर्स के लिए ‘हॉलो ब्लॉक स्ट्रक्चर्स’ इस नये तंत्रज्ञान का इस्तेमाल किया गया है| इस वजह से, ये बंकर्स बड़ी असानी से और तेज़ी से खड़े किये जा रहे हैं| यह आवाजाही के लिए भी आसान है, ऐसा दावा सेना के सूत्रों ने किया है| पूर्वी और उत्तरी सिक्कीम में ऐसे बंकर्स बनकर तैयार हैं, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी|

चीन से सटे सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षाविषक मूलभूत सुविधाओं का निर्माण कर चीन की प्रतिक्रिया को न्योता नहीं देना है, ऐसी भारत की पारंपरिक भूमिका रही है| लेकिन पिछले कुछ सालों में, चीन ने अपनी भारतविषयक लष्करी नीति में बड़े बदलाव किए हैं| इसके तहत चीन ने भारत से सटे अपने सीमावर्ती इलाकों में बड़ी मात्रा में सेना की तैनाती शुरू की है| इसीके साथ, भारत की सीमा से सटे इलाकों में बडे पैमाने पर मूलभूत सुविधाओं को खड़ा कर, चीन ने भारत को अपनी पारंपरिक नर्म नीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है|

इसीलिए भारत ने चीन से सटे अपने सीमावर्ती इलाकों में, अपने रक्षादल की क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया है| इन सीमावर्ती इलाकों में सड़कों का और रन-वे बनाने का काम शुरू किया गया है और चीन के ऐतराज़ को अनदेखा किया गया है| ईशान्य के राज्यों में रहनेवाले वायुसेना के अड्डों पर आधुनिक लडाकू विमानों को तैनात किया जा रहा है| साथ ही, यहाँ पर लम्बी दूरी तक हमला करने में सक्षम हॉवित्झर तो़पों को भी तैनात किया जा रहा है| इस पृष्ठभूमि पर, सिक्कीम में बंकर्स बनाने की बात सामने आई होकर, इसके माध्यम से, ‘भारत अपने सीमावर्ती इलाकों में किसी भी प्रकार का ख़तरा मोल लेने के लिए तैयार नहीं है’ ऐसा संदेश दिया जा रहा है|

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