भारत-वियतनाम ने किया ‘लॉजिस्टिक सपोर्ट’ समझौता

हानोई – भारत और वियतनाम ने एक दूसरे के रक्षाबलों को अपने सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल करने देने के अलावा आवश्यक सामान की आपूर्ति करने के लिए ‘लॉजिस्टिक सपोर्ट’ समझौता किया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के वियनतनाम दौरे में यह समझौता किया गया। कहा जा रहा है कि, दूसरे किसी भी देश के साथ वियतनाम ने आज तक ऐसा समझौता नहीं किया है। वियतनाम का भारत पर विश्वास इससे रेखांकित होता है। तथा दोनों देशों का सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए ‘विजन डॉक्युमेंट’ पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

इस समझौते की वजह से भारत और वियतनाम का रक्षा संबंधित सहयोग काफी बढ़ेगा, ऐसा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा के लिए भारत और वियतनाम का सहयोग काफी अहम मुद्दा है। इसी वजह से दोनों देशों का यह सहयोग अधिक व्यापाक करने के साथ हमारी वियतनाम के रक्षामंत्री फाम वान गियांग से चर्चा हुई, यह जानकारी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रदान की।

हथियार और रक्षा सामान का निर्माण करने के लिए भारत ने ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड’ नीति अपनायी है। इसका लाभ वियतनाम को भी हो सकता है, इसका अहसास रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान कराया। वियतनाम को वायुसेना प्रशिक्षण देने के लिए इस्तेमाल कर रहे सिम्युलेटर्स भारत भेंट देगा। साथ ही वियतनाम की वायुसेना को भाषा और आयटी की लैब स्थापित करने के लिए भारत आर्थिक सहयोग प्रदान करेगा। इसका ऐलान भी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान किया।

भारत की ऐक्ट ईस्ट नीति के लिए और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए वियतनाम अहम भागीदार देश साबित होता है। दोनों देशों ने साल २०१६ से रणीतिक भागीदारी अधिक व्यापक की है। सैन्य सहयोग ही इस संबंध का प्रमुख आधार है, यह दावा राजनाथ सिंह ने किया। इसी बीच, चीन की वर्चस्ववादी भूमिका की वजह से वियतनाम के लिए खतरा बढ़ रहा है और उसी पैमाने पर भारत का सहयोग वियतनाम के लिए अहमियत रखता है। इसी कारण भारत और वियतनाम के सहयोग को चीन काफी सावधानी से देख रहा है। दोनों देशों के इस सहयोग के पीछे चीन विरोधि रणनीति होने का आरोप चीन ने पहले ही लगाया था। इस मुद्दे पर चीन ने वियतनाम को धमकाया भी था।

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