अमरिकी रक्षामंत्री ने किया भारत का दौरा

नई दिल्ली – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय बातचीत के बाद अमरीका के रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन ने विदेशमंत्री एस.जयशंकर से भेंट की। शनिवार के दिन मुलाकात के दौरान अफ़गानिस्तान और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का मुद्दा शीर्ष स्थान पर था। लेकिन, भारतीय नेताओं के साथ इस चर्चा के दौरान हमने मानव अधिकारों का मुद्दा उठाने की जानकारी अमरिकी रक्षामंत्री ने माध्यमों को प्रदान की। इस पर भारतीय अफ़सरों ने प्रतिक्रिया दर्ज़ करने की खबरें प्रसिद्ध हुई हैं। भारत में मानव अधिकारों का मुद्दा भारतीय नेता और अमरिकी रक्षामंत्री की चर्चा में नहीं था, यह खुलासा भारतीय अधिकारियों ने करने की जानकारी सामने आयी है।

अमरिकी रक्षामंत्री

भारत की यात्रा खत्म होने के बाद अमरिकी रक्षामंत्री अफ़गानिस्तान पहुँचे। अपनी भारत यात्रा के दौरान रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन ने अफ़गानिस्तान की स्थिति पर गहरी बातचीत की। साथ ही इस चर्चा के दौरान इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का प्रमुखता से समावेश होने की बात कही जाती है। इससे पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय बातचीत में भी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का मुद्दा शीर्ष स्थान पर रहा, यह बात रक्षामंत्री ऑस्टिन ने घोषित की थी। भारत के साथ सभी स्तरों पर सहयोग दृढ़ करने की उत्सुकता दिखाकर अपने प्रशासन को भारत के संबंधों को सबसे अधिक प्राथमिकता देने की बात अमरिकी रक्षामंत्री ने इस चर्चा के बाद कही थी।

लेकिन, भारतीय नेताओं के साथ हुई चर्चा में मानव अधिकारों का समावेश था, यह जानकारी भी अमरिकी रक्षामंत्री ने प्रदान की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई चर्चा के दौरान मानव अधिकारों पर बोलना संभव नहीं हुआ। लेकिन, अन्य नेताओं से बातचीत करते समय हमने मानव अधिकारों का मुद्दा उठाया। भागीदार देशों में इस तरह की चर्चा खुले तौर पर करने की छूट हो सकती है, ऐसा बयान अमरिकी रक्षामंत्री ने किया। लेकिन, अमरीका के रक्षामंत्री ने भारत पर हो रहे कथित मानव अधिकारों से संबंधित आरोपों पर आपकी भारतीय नेताओं से चर्चा हुई क्या, यह बात स्पष्ट नहीं की। इस मुद्दे पर बयान करते समय भारत की इस पर प्रतिक्रिया दर्ज़ नहीं होगी, इस बात का ध्यान रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन ने रखा है। साथ ही भारत के सामने मानव अधिकारों का मुद्दा उठाने की कुछ अमरिकी सिनेटर्स की माँग भी हमने पूरी करने के दावे करना इससे ऑस्टिन को संभव हो सकता है।

अलास्का में कुछ दिन पहले अमरीका और चीन की द्विपक्षीय चर्चा के दौरान अमरिकी विदेशमंत्री ने चीन में हो रहे मानव अधिकारों के हनन का मुद्दा बड़ी आक्रामकता से उठाया था। इस दौरान अमरीका और चीन के बीच जुबानी टकराव होने की खबरें प्राप्त हुईं थी। इसके बाद बायडेन प्रशासन मानव अधिकारों के मुद्दे पर भारत पर भी दबाव बनाए, यह माँग कुछ अमरिकी सिनेटर्स ने की थी।

लेकिन, जनतंत्र एवं मानव अधिकारों पर पश्‍चिमी लोगों का व्याख्यान बर्दाश्‍त नहीं करेंगे, यह संदेश भारत ने पहले ही दिया था। मानव अधिकारों को पैरों तले कुचल रहे देशों की ओर पूरी तरह से अनदेखा करके जनतांत्रिक भारत इस मुद्दे पर घेरने की कोशिश पश्‍चिमी देशों के कुछ नेता और माध्यमों के गुट कर रहे हैं। इसका भारत मोल नहीं करेगा, यह बात भारतीय विदेशमंत्री ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट की थी। अमरिकी रक्षामंत्री की भारतीय नेताओं के साथ हुई चर्चा के दौरान भी भारत के मानव अधिकारों का मुद्दा शामिल नहीं था, इस बात का खुलासा कुछ अधिकारियों ने करने के दावे माध्यमों ने किए हैं। लेकिन, इस मुद्दे पर दावे करके अमरिकी रक्षामंत्री सिनेटर्स की माँग पूरी करने का चित्र खड़ा करते हुए दिखाई दिए।

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