‘कारगिल विजय दिन’ पर प्रधानमंत्री तथा रक्षामंत्री से पाकिस्तान और चीन को चेतावनी

नई दिल्ली – ‘२१ साल पहले पाकिस्तानने कारगिल में अपनी सेना की घुसपैंठ करके भारतीय भूमि पर कब्जा करने का प्रयास किया था। लेकिन उसके बाद भारतीय सैनिकों ने जो पराक्रम दिखाया वो पूरे विश्व ने देखा। कारगिल युद्ध जिस परिस्थिती में हुआ, उसे भारत कभी भी भूल नहीं सकता। भारत की दोस्ती को पाकिस्तान ने धोख़ाधड़ी से जवाब दिया था’, ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है। साथ ही किसी भी शत्रु ने भारत पर हमला किया, तो उसे कारगिल जैसा कड़ा जवाब मिलेगा, ऐसा रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने जताया है। प्रधानमंत्री मोदी तथा रक्षामंत्री राजनाथ  सिंग ने पाकिस्तान के साथ चीन को भी इसमें से अप्रत्यक्ष रुप से इशारा देने की बात स्पष्ट होती है।

‘कारगिल विजय दिन'

रविवार को ‘कारगिल विजय दिन’ के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ इस कार्यक्रम में भारतीय सैनिकों ने दिखाये अतुल्य पराक्रम की तथा बलिदान की याद दिलाई। ‘ऊपर ऊँचे पहाड़ों पर बैठा हुआ दुश्मन और पहाड़ों की तलहटी से लढ़ रहे अपने वीर फौजी, ऐसी स्थिती थी। लेकिन विजय पहाड़ों की उँचाई का नहीं, तो भारतीय जवानों के दृढ संकल्प का एवं वीरता का हुआ था’, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा। साथ ही वर्तमान मे चल रहा युद्ध केवल सीमा पर नही, लेकिन देश में भी कई मोरचों पर एक साथ लढ़ना पड रहा है और देश की जनता को भी अपनी भूमिका पूरी करनी पडती है, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने भी कारगिल विजय दिन के अवसर पर बोलते समय, देश की अखंडता एवं संप्रभुता के लिये कोई भी कदम उठाने में घबरायेगा नहीं, ऐसा स्पष्ट शब्दों में जताया है। राष्ट्र की सुरक्षा के लिये जो भी भारत करता है, वह आत्मसंरक्षण के लिये कर रहा होकर, किसी पर आक्रमण करने के लिये नहीं कर रहा। शत्रू देश ने कभी हमला किया, तो उसे कारगिल जैसा कडा जवाब मिलेगा, ऐसा रक्षामंत्री ने बजाकर कहा।

प्रधानमंत्री मोदी और रक्षामंत्री के निशाने पर अप्रत्यक्ष रुप से चीन था, यह स्पष्ट रुप से दिखाई दे रहा है। गलवान वैली के संघर्ष के बाद चीन के साथ तनाव काफी हद्द तक बढ गया है। कुछ दिनों पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने लद्दाख का दौरा किया था। उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने, बिना चीन का नाम लिए चीन के विस्तारवादी नीति पर कड़ा वार किया था। विस्तारवाद के दिन खत्म हुए होकर ऐसी वृत्ती का अंत हमेशा हार में ही होता है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा था। कारगिल विजय दिन के अवसर पर, पाकिस्तान ने की हुई घुसपैठ और दगाबाज़ी पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने, चीन को ही अप्रत्यक्ष रुप से टोला लगाने की बात दिखाई पडती है।

भारत में कारगिल विजय दिन का जश्न मनाया जाने के समय गिलगिट-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान के हवाई अड्ड़ों पर गतिविधिया दिखाई पडी है। पाकिस्तान के वायुसेना प्रमुख मुजाहिद अन्वर खान ने रविवार को लद्दाख के नज़दीक ‘स्कार्दू’ अड्डे का दौरा किया और यहाँ की तैयारियों की समीक्षा की। साथ ही पाकिस्तान की वायुसेना ने यहा युद्धाभ्यास शुरु करने की खबरें हैं। इसी ‘स्कार्दू’ हवाई अड्डे पर भारत के साथ तनाव बढ़ने के बाद, चीन ने अपने ‘जेएफ-१७’ लड़ाकू विमानों को तैनात करने की खबरे आई थीं। इस पृष्ठभूमी पर, यहाँ शुरु हुई गतिविधियाँ महत्वपूर्ण साबित होती हैं। पाकिस्तान के इशारे पर पाकिस्तान लद्दाख के पास होनेवाले ‘स्कार्दू’ हवाई अड्डे पर तैनाती बढा रहा है, ऐसा दावा किया जा रहा है।

चीन के कर्ज़ के जाल में डुबे हुए पाकिस्तान की राजनीति और अर्थव्यवस्था पर चीन अपना कब्जा करने की कोशिश में होने की खबरे है। ‘सीपीईसी’ परियोजना के द्वारा चीन यह करने की कोशिश कर रहा है।  इस प्रकल्प की पाकीस्तान की योजना मंत्रालय की दखलअंदाजी खत्म कर इसका पूरा नियंत्रण चीन के पास रखने के लिये ‘सीपीईसी’ ऑथॉरिटी बनाई गई है। पाकिस्तान की संसद में भी इसकी जानकारी नहीं दी गई।

यह पाकिस्तान की  राजनीति तथा अर्थव्यवस्था पर कब्जा करने की ओर पहला कदम होने का दावा एक न्य़ूज़ रिपोर्ट में किया गया है।

भारत का चीन के साथ बढता तनाव अपने लिये अवसर होकर, हमें चीन का साथ देना चाहिये और भारत पर आक्रमण करना चाहिये, ऐसा पाकिस्तान के कुछ विश्लेषकों का कहना है। एक ओर चीन और दूसरी ओर पाकिस्तान, इस प्रकार भारत को दो मोरचों पर संघर्ष में खींचने की चीन और पाकिस्तान की योजना है। भारत ‘पीओके’ के साथ भविष्य में ‘अक्साई चीन’ पर कब्ज़ा करेगा ऐसा डर चीन को सता रहा है। इस कारण भयभीत हुए चीन के इशारों पर पाकिस्तान यह लष्करी कार्रवाई करने के दावे किये जा रहे हैं। लद्दाख में भारतीय सैनिकों ने चीन के विश्वासघात को जिस प्रकार से प्रत्युत्तर दिया, उससे चीन बेचैन होकर भारत पर दबाव डालने का प्रयास कर रहा है। साथ ही फ्रान्स से मिलनेवाली राफायल विमान भारत ने लद्दाख में तैनात करने के संकेत देते समय, पाकिस्तान से ‘स्कार्दू’ हवाई अड्डो पर तैनाती बढाई जा रही है, इस तरफ भी विश्लेषक ध्यान बटोर रहे हैं।

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