‘आईटूयुटू’ के ज़रिये भारत खाड़ी क्षेत्र के लिए योगदान देगा – संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत की गवाही

संयुक्त राष्ट्रसंघ – ‘मध्य-पूर्व यानी खाड़ी क्षेत्र की शांति और समृद्धी से भारत के भी हितसंबंध जुड़े हैं। इसकी वजह से खाड़ी क्षेत्र के साथ दक्षिण एशिया की ऊर्जा सुरक्षा, अन्न सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए भारत नए से स्थापित ‘आईटूयुटू’ के ज़रिये योगदान देगा’, ऐसी गवाही भारत ने दी है। संयुक्त राष्ट्रसंघ में बोलते हुए भारत के राजनीतिक अधिकारी आर.रविंद्र ने भारत, इस्रायल अमरीका और यूएई के ‘आईटूयुटू’ गुट की अहमियत रेखांकित की। साथ ही इस्रायल और पैलेस्टाईन के संघर्ष को लेकर भारत को चिंता है, यह भी आर.रविंद्र ने स्पष्ट किया।

‘आईटूयुटू'संयुक्त राष्ट्रसंघ में ‘क्वेश्चन ऑफ पैलेस्टाईन’ नामक आयोजित खुली चर्चा के दौरान भारत के राजनीतिक अधिकारी बोल रहे थे। इस दौरान इस्रायल और पैलेस्टाईन के बीच हो रही हिंसा पर आर.रविंद्र ने चिंता जतायी। यह हिंसा तुरंत रोकी जाए और इस्रायल-पैलेस्टाईन की बातचीत शुरू हो, यह माँग रविंद्र ने की। ‘यह चर्चा अंतर्राष्ट्रीय नियमों के दायरे में हो। इसमें पैलेस्टिनी जनता की आकांक्षा और इस्रायल की सुरक्षा संबंधित चिंता का अच्छी तरह से संज्ञान लिया जाए। बातचीत से इस मसले का हल निकल सकता है’, यह विश्वास भारत के राजनीतिक अधिकारी ने व्यक्त किया।

इस्रायल और पैलेस्टाईन की इस चर्चा को भारत का पूरा समर्थन मिलेगा, यह भी आर.रविंद्र ने कहा। इसी बीच, खाड़ी क्षेत्र से शांति और समृद्धि में भारत के काफी बड़े हित जुड़े हैं, इस पर भी रविंद्र ने इस दौरान ध्यान आकर्षित किय। भारत-इस्रायल-अमरीका-यूएई के नए ‘आईटूयुटू’ गुट के माध्य से खाड़ी समेत दक्षिणी एशियाई क्षेत्र की ऊर्जा और अन्न सुरक्षा के साथ ही इस क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए भारत योगदान देगा, ऐसा रविंद्र ने कहा।

इसी बीच, १४ जुलाई को ‘आईटूयुटू’ के राष्ट्रप्रमुखों की पहली वर्चुअल चर्चा हुई थी। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनिश्चितता के प्रभाव और इससे उभरती समस्याओं की चुनौती खड़ी हुई है और इसी बीच ‘आईटूयुटू’ बिल्कुल ही अलग गुट कारोबार में सहयोग का बेहतर मोड़ल साबित होगा, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने तब कहा था। ‘आईटूयुटू’ छह अहम क्षेत्रों में संयुक्त निवेश करेगा, इसका ऐलान किया गया था। इसमें पानी, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और अन्न सुरक्षा का समावेश है, इसकी याद रविंद्र ने इस दौरान ताज़ा की।

इसी बीच, ‘आईटूयुटू’ में भारत का समावेश गेमचेंजर साबित होगा, यह विश्वास इस्रायल के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने व्यक्त किया था। भारत के प्रभाव की वजह से खाड़ी देश इस्रायल के साथ अधिक बेहतर सहयोग स्थापित कर पाएंगे, ऐसा इस्रायल के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का कहना था। इस गुट में भारत का समावेश अपने प्रभाव का विस्तार दर्शाता है। खास तौर पर खाड़ी क्षेत्र में भारत का प्रभाव ‘आईटूयुटू’ के समावेश से अधिक बढ़ेगा, यह विश्वास भारतीय विश्लेषक व्यक्त कर रहे हैं।

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