पाकिस्तान की अस्थिरता का भारत लाभ उठा रहा हैं – पाकिस्तानी सांसद का दावा

इस्लामाबाद – पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता फैली हैं। भारत संबंधित नीति निर्धारित करते हुए पाकिस्तान उलझन में फंसा हैं। इसका पूरा लाभ भारत ने उठाया हैं। जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा मुहैया कर रही धारा ३७० हटाना और इसके बाद पाकिस्तान को सिंधु जल संधि के मुद्दे पर चेतावनी देना, यह सभी पाकिस्तान संबंधित भारत की नीति में बदलाव के संकेत दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता खत्म करने के लिए व्यापक राजनीतिक संवाद शुरू करने की आवश्यकता बनी हैं, ऐसा दावा पाकिस्तान के सांसद मुशाहिद हुसैन ने किया है।

अस्थिरतासिंधु जल संधि के मुद्दे पर भारत ने पाकिस्तान को नोटिस थमाया थी। छह दशक पहले किए गए इस समझौते पर दोबारा सोच-विचार करना आवश्यक है, ऐसा कहकर भारत ने पाकिस्तान को इस मुद्दे पर आगाह किया था। पाकिस्तान की संसद में इसपर चर्चा हुई। इस दौरान बोलते हुए मुशाहिद हुसैन ने यह दावा किया कि, भारत की पाकिस्तान संबंधित नीति में बदलाव हो रहा है। बालाकोट पर हवाई हमला करके भारत ने साल १९७१ के बाद पहली बार पाकिस्तान को इस तरह से लक्ष्य किया है। इसके बाद जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा मुहैया करने वाली धारा ३७० को हटाकर भारत ने इस क्षेत्र पर पाकिस्तान कर रहे दावे को खत्म किया। भारत की पाकिस्तान संबंधित नीति में हुआ यह आक्रामक बदलाव, पाकिस्तान में शुरू अंदरुनि गतिविधियों से जुड़ा हैं, ऐसा दावा मुशाहिद हुसैन ने किया। 

पाकिस्तान में पहले की सरकार और सेना नेतृत्व ने भारत की आक्रामक नीति पर गौर किए बिना भारत से चर्चा करने की तैयारी दर्शायी थी। इस वजह से ‘एलएसी’ पर युद्ध विराम हुआ। इसका मुकाबला करने के लिए भारत तैयार हुआ, क्यों कि भारत को एक ही समय पर पाकिस्तान और चीन के साथ संघर्ष नहीं करना था। लेकिन, आगे के समय में भारत ने पाकिस्तान के विरोध में आक्रामक नीति अपनाई, ऐसा दावा मुशाहिद हुसैन ने किया। इसकी वजह से पाकिस्तान में फैली अस्थिरता हैं और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था टूटने की कगार पर हैं। इसका पूरा लाभ भारत ने उठाया है। इसी वजह से राजनीतिक स्तर की अस्थिरता खत्म करने के लिए हमारे देश में व्यापक राजनीतिक संवाद की ज़रूरत है। पाकिस्तान के सभी राजनीतिक दल इसका हिस्सा बने, ऐसा आवाहन मुशाहिद हुसैन ने किया।

शासक पार्टी ‘पाकिस्तान मुस्लीम लिग’ (नवाझ) यानी ‘पीएमएल-एन’ के सदस्य मुशाहिद हुसैन ने मौजूदा विपक्षी नेता इम्रान खान किसी भी तरह की चर्चा करने के लिए तैयार ना होने की शियाकत भी दर्ज़ की है। भारत के प्रधानमंत्री से बातचीत करने के लिए इम्रान खान तैयार हुए थे, लेकिन, पाकिस्तानी नेताओं से चर्चा करने की मंशा वह नहीं रखते। इस वजह से पाकिस्तान में सियासी टकराव हो रहा हैं और इसके असर सामने आने लगे हैं, ऐसी आलोचना मुशाहिद हुसैन ने की है।

पाकिस्तान के पूर्व सेनाप्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भारत से चर्चा करने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव को उस समय के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने अस्वीकार करके भारत विरोधी भूमिका अपनाई थी। लेकिन, पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति पर गौर करके भारत से सहयोग करना ज़रूरी होने का प्रस्ताव पेश किया था, ऐसा जनरल बाजवा ने कहा था। साथ ही यह प्रस्ताव इम्रान खान ने ठुकराने की वजह से आज पाकिस्तान बेहाल हुआ हैं, ऐसी आलोचना सेवानिवृत्त जनरल बाजवा ने हाल ही में की थी। पाकिस्तान के कूटनीतिक, विश्लेषक और भारत का द्वेष कर रहे पत्रकार भी यह कह रहे हैं कि, भारत के साथ सहयोग करने के अलावा पाकिस्तान के सामने अन्य विकल्प नहीं बचा हैं। 

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