पाकिस्तान की गोलीबारी का भारत से निषेध- पाकिस्तान के उच्चायुक्त को समन्स भेजा

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के नियंत्रण रेखापर गोलीबारी करके पांच निरपराध नागरिकों की जान लेने वाले पाकिस्तान के सामने भारत के विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में निषेध व्यक्त किया है| पाकिस्तान के भारत में नियुक्त उप उच्चायुक्त को समन्स भेजकर भारत के विदेश मंत्रालय ने इस मामले का निषेध जताया है| तथा निरपराध नागरिकों की जान लेना पाकिस्तान के लष्करी सेवा द्वारा नीति नियमों को पैरों तले कुचला जा रहा है, ऐसा आरोप भी भारत के विदेश मंत्रालय ने किया है|

पाकिस्तान के उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को समन्स भेजकर भारत के विदेश मंत्रालय ने इस संदर्भ में भारत की भूमिका प्रस्तुत की है| जम्मू कश्मीर के नियंत्रण रेखा पर पुंछ में पाकिस्तान ने किए गोलीबारी में एक परिवार के ५ लोगों की जान गई है| इस पर देश भर से तीव्र प्रतिक्रिया उमड़ रही है| भारत के सीमा भाग में गोलीबारी करके पाकिस्तानी लष्कर ने इससे पहले भी निरपराध नागरिकों की जान ली थी| इसका गंभीरता दाखिला देते हुए भारत ने इस मामले में पाकिस्तान पर निशाना साधा है| फिलहाल पाकिस्तान के भारत में स्थित उच्चायुक्त मातृभूमि लौटे हैं, पर विदेश मंत्रालय ने उपायुक्त को समन्स भेजकर इस मामले मे चेतावनी दी है|

दौरान जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान की गोलीबारी में मारे गए नागरिकों के बारे में तीव्र दुख व्यक्त किया है| अगर संभव होता तो यह गोलीबारी रोक सकते थे, ऐसा कहकर महबूबा मुफ्ती ने भारत एवं पाकिस्तान यह गोलीबारी रोके ऐसा आवाहन किया है| पहले के समय में भारत एवं पाकिस्तान के नेतृत्व में प्रगल्भता दिखाकर नियंत्रण रेखा पर शांति प्रस्तावित की थी, इसकी याद महबूबा मुफ्ती ने दिलाई है| पर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान से चर्चा करने के लिए सलाह पर कई लोगों ने टीका की है|

भारतीयों की जान लेनेवाले पाकिस्तान से चर्चा करके क्या हासिल होने वाला है? भारत ने पाकिस्तान से चर्चा करने का निर्णय लेकर क्या हम कमजोर है, यह मान्य करना होगा क्या, ऐसे कडे प्रश्न पूछे जा रहे हैं| चर्चा करने का निर्णय लेने से बेहतर भारत अपने नागरिकों की जान लेनेवाले पाकिस्तान को सबक सिखाने का विचार करें, ऐसी मांग कई वृत्त माध्यमों से विश्लेषक करने लगे हैं| तथा इससे पहले भी पाकिस्तान द्वारा हुई चर्चा में विशेष तौर पर कुछ भी हासिल नहीं हुआ है, इस पर यह विश्लेषक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं|

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