भारत अफगानी जनता के साथ डटकर खड़ा रहेगा – विदेश मंत्री जयशंकर ने दिलाया यकीन

नई दिल्ली – भारत अफगानी जनता के समर्थन में हमेशा ही खड़ा रहेगा, ऐसा यकीन विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दिलाया है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनिफ अत्मार के साथ फोन पर हुई चर्चा में जयशंकर ने, भारत अफगानिस्तान के लिए उत्तरदाई होने की बात फिर एक बार स्पष्ट की। ११ सितंबर २०२१ को अफगानिस्तान से अपनी सारी सेना हटाने की घोषणा अमरीका ने की है। इसके बाद अफगानिस्तान में लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा और पिछले दो दशकों में अफगानिस्तान ने जो कुछ प्राप्त किया, वह सब कुछ मिट्टी में मिल जाएगा, ऐसी चिंता ज़ाहिर की जाती है। उस पृष्ठभूमि पर, भारत द्वारा अफगानी जनता को आश्वस्त किया जा रहा है।

अफगानी जनता

अमरीका की सेनावापसी के बाद अफगानिस्तान का कब्जा तालिबान के पास जाएगा, ऐसी चिंता व्यक्त की जा रही है। इससे अफगानिस्तान का लोकतंत्र, सामाजिक प्रगति यह सब कुछ मिट्टी में मिल जाएगा, ऐसी चिंता अफगानी जनता को प्रतीत होने लगी है। अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष ने विश्वास व्यक्त किया है कि अमरीका की सेनावापसी के बाद भी अपनी सरकार नहीं गिरेगी। लेकिन अफगानिस्तान में अगर संघर्ष भड़क ही गया, तो तालिबान से होनेवाला खतरा और भी बढ़ेगा , ऐसी गहरी संभावना सामने आ रही है। ऐसी परिस्थिति में भारत की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण बनी है।

भारत ने अफगानिस्तान में दो अरब डॉलर्स से ज़्यादा निवेश किया होकर, भारत के सहयोग के कारण अफगानिस्तान में विकास परियोजनाएँ बन रही हैं। इससे अफगानी जनता की भारत से होनेवालीं उम्मीदें बढ़ी है। भारतीय विश्वविद्यालयों में अफगानी युवा शिक्षा अर्जित कर रहे होकर, आनेवाले समय में दोनों देशों के संबंध इससे अधिक ही दृढ़ बनेंगे, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में अफगानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी, यह इस देश के लिए निर्णायक चरण साबित होने का दावा किया जाता है।

ऐसे मुश्किल हालातों में भारत अफगानी जनता के साथ डटकर खड़ा रहेगा, ऐसा संदेश भारत के विदेश मंत्री ने दिया है। विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया में यह जानकारी दी। अमरीका अफगानिस्तान छोड़ने की तैयारी कर रही है, ऐसे में जिस तालिबान के हाथ में अफगानिस्तान की सत्ता आने की संभावना है, क्या उस तालिबान के साथ भारत चर्चा करेगा? ऐसा प्रश्न उपस्थित किया जा रहा है। भारत का उत्तरदायित्व अफगानी जनता से होगा, ऐसे संकेत देकर भारत के विदेश मंत्री ने, अफगानी जनता के हित को भारत सर्वाधिक प्राथमिकता देगा, ऐसा संदेश दिया है।

एक ही दिन पहले नई दिल्ली में आयोजित रायसेना डायलॉग में बात करते समय भारत के विदेश मंत्री ने, अफगानिस्तान में और अफगानिस्तान के आसपास होनेवाले देशों में शांति स्थापित करने की आवश्यकता है यह जताया था। ऐसा हुए बगैर अफगानिस्तान की समस्या नहीं सुलझेगी, ऐसा दावा जयशंकर ने किया था। पाकिस्तान की बीच विघातक नीतियों के कारण ही अफगानिस्तान में अराजक मचा है, ऐसा संदेश इसके जरिए भारत के विदेश मंत्री ने दिया था।

अमरिकी सीनेट की ‘आर्म्ड सर्व्हिसेस कमिटी’ के प्रमुख सिनेटर जॅक रिड ने भी, अफगानिस्तान में तालिबान को मिली कामयाबी के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार होने का आरोप किया है। पाकिस्तान में मिलनेवाले सुरक्षित आश्रयस्थान के कारण ही तालिबान अफगानिस्तान में हिंसक कारनामें कर सका, ऐसी तीखी आलोचना रिड ने की। उसी समय, अमरीका ने तालिबान के इन पाकिस्तान स्थित आश्रयस्थानों पर कार्रवाई नहीं की, ऐसा खेद भी रिड ने व्यक्त किया। अंतर्गत समस्याएँ, अफगानिस्तान की परिस्थिति, इराक युद्ध इनमें उलझे हुए अमरीका के पूर्व प्रशासनों द्वारा, पाकिस्तान की ओर नज़रअंदाज़ी की गयी, ऐसा जॅक रिड ने कहा था।

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