भारत-चीन मतभेदों से विवाद भडकने नही देंगे – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

महाबलीपुरम – भारत की यात्रा पर पहुंचे चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत हुई| इस के आगे भारत और चीन अपने मतभेद विवाद में परिवर्तित होने नही देंगे, यह भरौसा प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान व्यक्त किया| साथ ही भारत और चीन के सहयोग का नया पर्व सुरू होने का दावा भी प्रधानमंत्री ने किया| वही, विदेश सचिव विजय गोखले ने दोनों देशों के व्यापार में बढोतरी करने के लिए नई यंत्रणा खडी करने की बात स्पष्ट की| खास तौर पर दोनों नेताओं के इस बातचीत में कश्मीर मुद्दा शामिल नही था|

वर्ष २०१८ के अप्रैल मीहने में चीन के वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग की भेंट हुई थी| इस दौरान हुई बातचीत में दोनों देशों के मतभेद दूर करके सहयोग बढाने पर दोनों में सहमति बनी थी| उसी वुहान में हुई बातचीत का अगला हिस्सा प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के इस भेंट में शुरू होता दिख रहा है| प्रधानमंत्री मोदी ने यही धागा पकडकर द्विपक्षीय बातचीत में दोनों देश सहयोग के लिए सबसे अधिक अहमियत देंगे, और मतभेद विवाद में परिवर्तीत नही होने देंगे, ऐसा कहा|

भारत और चीन में उत्पाद क्षेत्र के सहयोग में बढोतरी करने पर बातचीत हुई| दोनों देशों के बीच हो रहा व्यापार बढाने के लिए स्वतंत्र यंत्रणा बनाई जाएगी| इसमें केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन और चीन के उपप्रधानमंत्री हू शुनहुआ का समावेश होगा, यह जानकारी विदेश सचिव विजय गोखले ने दी| साथ ही चीन के साथ व्यापार में हमें करीबन ५० अरब डॉलर्स का नुकसान उठाना पड रहा है और यह व्यवहार्य नही है, इस ओर भारत ने ध्यान आकर्षित किया| इसके बाद चीन ने भारत से व्यापार का अवसर प्रदान करके अपना बाजार खुला करने का वादा किया है|

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद है और भारत पर दबाव बढाने के लिए चीन समय समय पर इस स्थिति का इस्तेमाल करता है, यह बात कई बार स्पष्ट हुई थी| लेकिन, नजदिकी दिनों में चीन ने सीमा विवाद संबंधी अपनी अडियल भूमिका कुछ नरम की है| अमरिका के साथ शुरू हुए व्यापारयुद्ध की वजह से चीन को भारत का सहयोग प्राप्त करना जरूरत बना है| इसके अलावा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमरिका ने चीन के विरोध में शुरू की मुहीम में भारत शामिल ना हो, इस लिए चीन की बडी कोशिश शुरू है| इसी लिए चीन अब भारत के साथ बना सहयोग नई उंचाई पर ले जाने की भाषा कर रहा है|

चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग की इस भारत यात्रा के दौरान इसी निती का प्रतिबिंब दिखाई दिया है| खास बात यह है की, इस बातचीत में कश्मीर का मुद्दा शामिल करने से दूर रहने का निर्णय भी किया गया| यह पाकिस्तान के लिए बडा झटका साबित हो सकेगा| कश्मीर मुद्दे पर अन्य किसी भी प्रमुख देश ने पाकिस्तान को प्रतिसाद दिया नही है और ऐसे में कम से कम चीन कश्मीर का जिक्र करके भारत पर दबाव बढाएगा, यह उम्मीद पाकिस्तान ने रखी थी|

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