ईंधन के दामों में हुई गिरावट से भारत को प्राप्त होगा लाभ

नई दिल्ली – कोरोना व्हायरस दुनिया भर में हडकंप मचा रहा है तभी ईंधन की मांग में बडी गिरावट हुई है| इस वजह से ईंधन के काम भी बडी मात्रा में कम हुए है| देश की लगभग ८० प्रतिशत ईंधन की मांग आयात के जरिए पुरी कर रहे भारत जैसे देश को इससे बडा लाभ हो सकता है| ईंधन उत्पादकओपेकसंगठन और रशिया के बीच बने विवाद से भी भारत को लाभ होगा, यह दावा माध्यमों द्वारा किया जा रहा है|

फिलहाल ईंधन का दाम प्रति बैरल ३८ डॉलर्स तक गिर चुके है| ऐसी स्थिति में ईंधन का उत्पाद कम करके दर नियंत्रित रखने की मांगओपेककर रही है| सौदी अरब के प्रभाव में रहनेवाली ओपेक की यह मांग रशिया ने ठुकराई है| रशिया ने ईंधन उत्पाद कम नही करेंगे, यह कहकर ओपेक को झटका दिया है| इसी वजह से ईंधन के दाम कुछ मात्रा में बढाकर नुकसान से बचने की ओपेक की कोशिश फंस चुकी है

रशिया और ओपेक के बीच बने ऐसे विवाद और मतभेद से भारत जैसे ईंधन की आयात करनेवाले देश को लाभ हो सकता है| सौदी यह भारत को सबसे अधिक ईंधन प्रदान करनेवाला देश है| पर, अब अमरिका और रशिया ने भी भारत को ईंधन प्रदान करने में रुचि दिखाई है और दोनों देशों ने भारत में ईंधन सप्लाई बडाई है| भारत ने पीछले वर्ष रशिया के साथ ईंधन सहयोग के मुद्दे पर नए समझौते किए है और इसका असर नजदिकी दिनों में दिखाई देने लगेगा|

ऐसी स्थिति में भारत के सामने ईंधन के नए विकल्प आते दिखाई दिए है| ईंधन के दामों में गिरावट होने से भारतीय कंपनियों को बडा लाभ हो रहा है| सौदी अरब की अराम्को ईंधन कंपनी भारत समेत एशियाई ग्राहक देशों को काफी बडी सहुलियत प्रदान कर रही है|

भारतीय ईंधन बाजार में अपना हिस्सा बढाने में रुचि रखनेवाले रशिया भी अगले दिनों में इसी तरह का निर्णय करेगी, यह उम्मीद जताई जा रही है|

इसी बीच, ओपेक देश और रशिया के बीच ईंधन के उत्पाद के विषय में बने मतभेद राजनयिक प्रकार के होने के संकेत प्राप्त हो रहे है| इससे पहले ईंधन के दामों में गिरावट हो रही थी तबी रशिया ने ओपेक और ओपेक का नेतृत्व कर रही सौदी अरब को उत्पाद कम करने के लिए निवेदन दिया था| पर, सौदी ने इस पर जवाब नही दिया था| इस बार सौदी की मांग ठुकराकर रशिया उस समय का प्रतिशोध लेती हुई दिख रही है| अगले दिनों में भी ईंधन के दामों के मुद्दे पर ओपेक और रशिया की सहमति होने की संभावना नजर में नही है| इस कारण भारत जैसे देश को इससे बडा लाभ हो सकता है|

भारतीय अर्थव्यवस्था को इससे काफी बडा आधार प्राप्त होगा| पर, ईंधन के दामों में हुई गिरावट से भारत को नुकसान भी हो रहा है, इश ओर कुछ आर्थिक विशेषज्ञ ध्यान आकर्षित कर रहे है| जीन देशों से भारत ईंधन की खरीद करता है, उन देशों में?भारत की निर्यात भी होती है| ईंधन उत्पादक देश ईंधन की दामों में हुई गिरावट की स्थिति में संकट का सामना करते है और ऐसे में इन देशों में जारी भारत की निर्यात पर भी असर होता है और भारतीय उद्योग क्षेत्र का नुकसान होता है| यह बात भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति में बाधा लानेवाली साबित होती है, यह बात आर्थिक विशेषज्ञ कह रहे है| इस कारण ईंधन के दाम एक मर्यादा के बाहर कम होना भारत के लिए उपरी अच्छा दिखता हो, फिर भी इसका असर भारत को भी भुगतना होता है, यह दावा यह विशेषज्ञ कर रहे है|

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