चीन की दोगला नीति पर प्रत्युत्तर देने के लिए भारत तैयार

नई दिल्ली – लद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ निर्माण हुए तनाव की पृष्ठभूमि पर राजधानी नई दिल्ली में सुरक्षा के मुद्दे पर काफ़ी अहम बैठक हुई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, विदेशमंत्री एस.जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल, रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत और सेनाप्रमुख जनरल मुकूंद मनोज नरवणे इस बैठक में उपस्थित थे। भारत और चीन के वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों की जल्द ही चर्चा होने की उम्मीद है। इससे पहले राजधानी दिल्ली में इस बैठक का आयोजन होना अहमियत रखती है। साथ ही लद्दाख के सरहदी क्षेत्र में चीनी सैनिकों पर अब वहां की ठंड़ का असर होता दिखाई देने लगा है और चीन के सैनिक बीमार पड़ने के समाचार प्राप्त हो रहे हैं।

अगले दो से तीन दिनों में भारत और चीन की सेनाओं के ब्रिगेडियर प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर बना तनाव कम करने के लिए चर्चा करेंगे। दोनों देशों के सेना अधिकारियों की पहले हुई चर्चाओं से ज्यादा कुछ हाथ नहीं लगा था। विदेशमंत्री जयशंकर के साथ हुई चर्चा के दौरान सीमा विवाद का हल चर्चा के माध्यम से निकालने की नरमाई दिखानेवाला चीन लष्करी चर्चा के दौरान आक्रामक रवैया अपनाता दिखाई दे रहा है। साथ ही लष्करी चर्चा के दौरान चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश करने की घटनाएं भी हुई थीं। इसी कारण आनेवाले दिनों में चीन के साथ सभी स्तरों पर बातचीत करते समय भारत को अपनी भूमिका बड़ी कठोरता के साथ रखनी होगी, यही दिखाई दे रहा है। नई दिल्ली में हुई सुरक्षा विषयक बैठक में चीन के दोगलेपन का मुद्दा शीर्ष स्थान पर था, ऐसा माध्यमों का कहना है।

इसी बीच, लद्दाख में अब तक भारत पर लष्करी दबाव बढ़ाने की गतिविधियां चीन ने बंद नहीं की हैं। लेकिन, इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में तैनाती करनेवाली चीनी सेना के सामने अब भारी ठंड़ के मौसम की चुनौती खड़ी हुई है। लद्दाख के पहाड़ी माहौल की आदत से परे चीनी सैनिकों को वहां पर सांस लेने में दिक्कत हो रही है। इसकी वजह से वहां पर तैनात कई सैनिकों को इलाज के लिए अस्पताल में भरती कराना पड़ा है। इसी तरह से सांस लेने में दिक्कत हो रहे सैनिकों की संख्या बढ़ने से चीनी सेना की चिंता में बढ़ोतरी हुई है। आनेवाले दिनों में जैसे जैसे ठंड़ बढ़ेगी, उसी मात्रा में चीनी सेना की स्थिति अधिक से अधिक खराब होगी, यह बात भारत के पूर्व लष्करी अधिकारी कह रहे हैं।

इसी पृष्ठभूमि पर चीन ने घुसपैठ किए क्षेत्र में ५० सैनिकों की तैनाती बरकरार रखकर अन्य सैनिकों को पीछे हटाने का प्रस्ताव भारत को दिया गया है, ऐसी भी चर्चा हो रही है। इसके बदले में चीन भारत के सामने पूरी तैनाती हटाने की माँग कर रहा है। भारत ने यह माँग ठुकराई है, यह बात भी कही जा रही है। लेकिन, ठंड़ की वजह से चीन को अपने सैनिक इस क्षेत्र से पीछे हटाने पड़े तब भी अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए चीन अरुणाचल प्रदेश की सीमा से घुसपैठ करने की संभावना है। इसके लिए भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर पूरी तैयारी रखी है। इस सरहदी क्षेत्र में सेना की तैनाती बढ़ाई गई है और वहां पर चीनी सेना की हरकतों पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। साथ ही चीनी सरहद के करीब प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर भारतीय वायुसेना की तैनाती में भी बढ़ोतरी की गई है और लद्दाख के क्षेत्र में देश की हवाई सीमा की रक्षा करने के लिए वायुसेना के लड़ाकू विमान गश्‍त लगा रहे हैं।

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