पाकिस्तानी सैनिकों के शव लौटाने के लिए भारत ने दिए प्रस्ताव पर पाकिस्तान का जवाब नही

नई दिल्ली/इस्लामाबाद: सफेद निशान दिखाकर पाकिस्तानी सेना कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर पहुंचे और अपने सैनिकों के शव वापिस ले जाए, ऐसा प्रस्ताव भारत ने दिया हैं| पाकिस्तान के ‘बॉर्डर एक्शन टीम’ के पांच से सात जवान भारतीय सेना की कार्रवाई में मारे गए हैं| जम्मू-कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर केरन सेक्टर में रखें यह शव वापस करने की उदारता भारतीय लष्कर ने दिखाने पर भी, पाकिस्तानी लष्कर ने घुसपैठ की खबर ठुकराई हैं| इस कारण पाकिस्तान कारगिल युद्ध के समान इस बार भी अपने जवानों के शव स्वीकारने के लिए तैयार नहीं होने का दिखाई देता हैं|

३१ जुलाई की रात को नियंत्रण रेखा पर कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में इन पांच से सात लोगों ने घुसपैठ की थीं| ये पाकिस्तान के ‘बॉर्डर एक्शन टीम’ (बीएटी-बॅट) इस टीम के सदस्य होते हुए इन में पाकिस्तानी जवानों के साथ आतंकवादी भी शामिल होते हैं| लेकिन, सतर्क भारतीय जवानों ने इन घुसपैठियों पर हमला करके उन्हें मार गिराया हैं| इसके पश्चात पाकिस्तानी ‘बॅट’ के सदस्यों के शव उसी स्थान पर गिरे पड़े हैं| उन्हें वापस करने की तैयारी दिखाकर भारतीय लष्कर ने पाकिस्तान को प्रस्ताव दिया था| सफेद निशान दिखाकर पाकिस्तानी लष्कर ये शव स्वीकार करें और वापस ले जाए, ऐसा भारतीय लष्कर ने सूचित किया था|

लेकिन पाकिस्तानी लष्कर ने उस पर प्रतिक्रिया नहीं दी हैं| बल्कि पाकिस्तान से घुसपैठ हुई ही नहीं, ऐसे दावे इस देश के लष्कर द्वारा किए जा रहे हैं| परंतु ‘बॅट’ के जवानों के इन शवों के फोटोग्राफ्स समाचार माध्यमों में प्रसिद्ध होने से पाकिस्तान का नए तौर से पर्दाफाश होता दिखाई देता हैं| फिर भी यह सब झूठलाते हुए पाकिस्तान के लष्कर के प्रवक्ता मेजर जनरल असिफ गफूर ने इसके विपरीत, भारत को ही दोषी ठहराया हैं| यह सब भारत के प्रचार प्रणाली का हिस्सा होने का गफूर ने कहा हैं| कश्मीर की परिस्थिति से दूसरी ओर ध्यान हटाने के लिए भारत यह प्रचार करने का दावा गफूर ने किया हैं|

दौरान, पाकिस्तानी लष्कर ने भारत पर ‘क्लस्टर’ धमाकों का उपयोग करने का आरोप किया हैं| साथ ही इस मामले में भारत के राजनैतिक अधिकारियों को पाकिस्तान ने सम्मन्स दिया हैं| ऐसे पाकिस्तान ने रखे आरोप भारत ने ठुकराए हैं|

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