दक्षिण कोरिया की इंडो-पैसिफिक नीति में भारत का स्थान बड़ा अहम – दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री पार्क जीन

नई दिल्ली – भारत और दक्षिण कोरिया के राजनीतिक ताल्लुकात के ७५ वर्ष इस साल पूरे हो रहे हैं। इसे अवसर बनाकर दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री शुक्रवार को भारत दौरे पर दाखिल हुए। दक्षिण कोरिया की ‘इंडो-पैसिफिक स्ट्रैटेजी’ में भारत एक बड़ा अहम देश होने का बयान करके विदेश मंत्री पार्क जीन ने ध्यान आकर्षित किया हैं। साथ ही भारत और दक्षिण कोरिया के संबंधों को हज़ारों सालों विरासत प्राप्त हैं, यह कहकर विदेश मंत्री पार्क जीन ने जनतंत्र भी एक इन दो देशों को जोड़नेवाला समान धागा होने की बात पर गौर फर्माया।

पार्क जीनशुक्रवार को नई दिल्ली में दाखिल हुए दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री पार्क जीन ने भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों की रणनीतिक भागीदारी व्यापक करने का मुद्दा सबसे उपर था। व्यापार, निवेश और उत्पाद से जुड़ी सप्लाई चेन स्थिर रखने के साथ दुर्लभ खनिजों के मुद्दे पर दोनों देशों के विदेश मंत्री की चर्चा होने की बात कही जा रही है। साथ ही भारत और दक्षिण कोरिया आर्टिफिशल इंटेलिजन्स, बिग डाटा, बायोटेक्नॉलॉजी एवं अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं, ऐसा बयान विदेश मंत्री पार्क जीन ने इस दौरानन किया।

इंडो-पैसिफिक और उसके आगे का क्षेत्र भी खुला, मुक्त एवं स्वतंत्र रहे और वहां समृद्धी बनी रहें, इसके लिए दक्षिण कोरिया अपनी आवश्यक भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। दक्षिण कोरिया की इस इंडो-पैसिफिक संबंधित भूमिका में भारत एक काफी अहम देश हैं, यह बयान भी विदेश मंत्री पार्क जीन ने किया हैं। भारत और दक्षिण कोरिया के इससे संबंधित हितसंबंध एक समान होने का अहसास भी पार्क जीन नने इस दौरान कराया। साथ ही सप्लाई चेन बाधित होने से खड़ी हुई चुनौतियों का भी दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री ने ज़िक्र किया। यूक्रेन युद्ध, कोरोना की महामारी और मौसम के बदलाव के कारण उभरी चुनौतियों का दाखिला भी पार्क ने इस दौरान दिया।

इस पृष्ठभूमि पर भारत और दक्षिण कोरिया की सहायता बड़ी अहम होने की ओर पार्क जीन ने ध्यान आकर्षित किया। इसी बीच, कोरियाई क्षेत्र में फिलहाल तनाव हैं और उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया को परमाणु हमले की धमकियां दी हैं। यह धमकियां खोखली नहीं हैं, यह भी उत्तर कोरिया नए परमाणु परीक्षण करने की तैयारी करके दिखा रहा हैं। ऐसे में अपनी सुरक्षा के लिए दक्षिण कोरिया ने अमरीका के साथ हो रहे युद्धाभ्यास की तीव्रता बढ़ाई हैं। इस वजह से उत्तर कोरिया की आक्रामकता और भी बढ़ी हैं। उत्तर कोरिया की इन गतिविधियों के पीछे चीन की रणनीति होने की बात स्पष्ट दिख रही हैं। ऐसी स्थिति में दक्षिण कोरिया और जापान अपना पुराना बैर भूलकर चीन औररर उत्तर कोरिया के खतरे के विरोध में एकता बनाते दिख रहे हैं। साथ ही जापान और उत्तर कोरिया यह दोनों देश भारत के साथ अपना रणनीतिक सहयोग बढ़ाकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की जारी वर्चस्ववादी गतिविधियों पर प्रत्युत्तर दे रहे हैं॥

इस पृष्ठभूमिम पर दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री का इस भारत दौरे पर आना ध्यान आकर्षित करता हैं। दोनों देशों के बीच अब रक्षा संबंधित सहयोग भी अब व्यापक हो रहा है और दक्षिण कोरिया भारत को हथियार एवं रक्षा सामान निर्यात करने के लिए उत्सुक दिख रहा हैं। विदेश मंत्री पार्क जीन इस मुद्दे पर भारतीय विदेश मंत्री से चर्चा करेंगे, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। 

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