चीन के सीमा विवाद पर भारतीय विदेश मंत्रालय की सूचक प्रतिक्रिया

नई दिल्ली – अरुणाचल प्रदेश के ११ ठिकानों  के नए नाम घोषित करके एवं ऐसा करने का सार्वभूम अधिकार हम रखते हैं, ऐसा चीन ने कहा था। इसके ज़रिये अरुणाचल प्रदेश का मुद्दा चर्चा में लाने की साज़िश चीन ने की थी। लेकिन, इसपर तीखीं प्रतिक्रिया दर्ज़ करके अंतरराष्ट्रीय माध्यमों का इसपर ध्यान केंद्रीत ना हो, इसका ध्यान भारत ने रखा है। इसके साथ ही अरुणाचल प्रदेश भारत का क्षेत्र होने का  बयान करके इस विवाद में कूदने की कोशिश करती देखी गई अमरीका को इसमें हस्तक्षेप करने का अवसर ना मिले, इसका ध्यान रखते हुआ भारतीय विदेश मंत्रालय दिख रहा है।

अमरीका के व्हाईट हाऊस ने अरुणाचल प्रदेश पर दावा जता रहे चीन की आलोचना की थी। अरुणाचल प्रदेश भारत का क्षेत्र हैं और इस विवाद में अमरीका का पूरा समर्थन भारत के पक्ष में रहेगा, ऐसा व्हाईट हाऊस के प्रवक्ता ने कहा था। इसपर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रतिक्रिया दर्ज़ की। किसी से भी प्राप्त समर्थन अच्छी बात होती है। लेकिन, अरुणाचल प्रदेश पर भारत के सर्वाभूम अधिकार का मुद्दा किसी के भी मंजूरी या विरोध पर निर्भर नहीं हैं, ऐसा इशारा बागची ने किया। इसके ज़रिये अमरीका के समर्थन पर भारत निर्भर नहीं है, ऐसा स्पष्ट संदेश भारतीय विदेश मंत्रालय देता दिखाई दे रहा हैं।

पिछले कुछ हफ्तों से अमरीका के राजनीतिक अधिकारी, विश्लेषक और अभ्यासगुट लगातार भारत-चीन सीमा विवाद का मुद्दा चर्चा में उठा रहे हैं। इस विवाद में अमरीका यकिनन भारत के पक्ष में होगी, ऐसा यह सभी लगातार कह रहे हैं। गुरुवार को भी ‘सेंटर फॉर न्यू अमरिकन सिक्योरिटी’ (सीएनएएस) ने जारी किए रपट में यह बात दर्ज़ की थी। ‘इंडिया-चाइना बॉडर टेन्शन्स ॲण्ड यूएस स्ट्रैटेजी इन द इंडो-पैसिफिक’ नामक ‘सीएनएएस’ ने जारी किए रपट में भारत की सीमा पर चीन अधिक से अधिक आक्रामक होने का दावा किया गया है।

ऐसी स्थिति में, अमरीका ने भारत की सहायता करनी होगी, ऐसा इशारा इस रपट में दिया गया है। इस वजह से अमरीका विभिन्न मार्ग से भारत-चीन सीमा विवाद में हस्तक्षेप करने की कोशिश में जुटी होने की बात फिर से स्पष्ट हुई है। इसी बीच, अमरीका के बायडेन प्रशासन पर चीन के साथ गुप्त पद्धती से हाथ मिलाया होने का आरोप लगाया जा रहा है। ऐसी स्थिति में अमरीका से भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर किए जा रहे बयानों को भारत अधिक सावधानी से देखता दिख रहा हैं। साथ ही चीन के सीमा विवाद ा हल निकालने का साहस भारत रखता  हैं, इसके लिए भारत कसी पर भी निर्भर नहीं हैं, भारत यही  अहसास अमरीका के साथ चीन को भी करा रहा हैं। विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया से यह बात प्रतीत हो रही है।

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