भारत के ‘डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर’ से अन्य देशों ने सबक लेना चाहिये – अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की सलाह

नई दिल्ली – ‘स्टैकिंग अप द बेनिफिटस्‌‍: लेसन्स फ्रॉम इंडियाज्‌‍ डिजिटल जर्नी’ नामक रपट अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने तैयार की है। इसमें यह कहकर भारत की सराहना की गई है कि, भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के ‘डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर’ बनाया हैं। डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करके भारत ने करोड़ों लोगों का जीवन बदल दिया है। इसने भारत की अर्थव्यवस्था को भी काफी बदल दिया है। इससे अन्य देश सबक सिख सकते हैं, ऐसा दावा मुद्राकोश की इस रपट में किया गया है।

आधार, यूपीआई के लिए भारत ने पहल करके अपना डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया। इससे भारत को काफी लाभ मिल रहे हैं और भारत की अर्थव्यवस्था इससे गतिमान हुई है, ऐसा दावा मुद्राकोश ने इस रपट में किया। पेपरलेस, कैशलेस और नीजि जानकारी सार्वजनिक ना होने देने की सावधानी बरतकर ऑनलाईन पेमेंट सिस्टिम भारत ने शुरू की। इससे भारत के सरकारी और निजी क्षेत्र को बड़ा लाभ प्राप्त हुआ। खास तौर पर कोरोना के दौर में भारत को इस डिजिटल स्तर के कारोबार का खास लाभ होता दिखाई दिया, यह बात भी वर्णित रपट में दर्ज़ है।

आधार कार्ड की वजह से ज़रूरतमंदों के बैंक खाते में सरकार सीधे सहायता पहुंचा रही थी। इससे भ्रष्टाचार और धांधली करने के लिए अवसर प्राप्त नहीं हुआ, इसपर भी वर्णित रपट बनाते समय खास ध्यान दिया गया। खास तौर पर महामारी के दौर में भारत में गरीबों का जीवन काफी सुलभ हुआ। कोरोना महामारी के पहले कुछ महीनों में भारत के ८७ प्रतिशत ज़रूरतमंद गरीबों तक सरकारी मदत पहुंची थी, यह मुद्दा इस रपट में स्पष्ट तौर पर दर्ज़ किया गया है।

कुछ दिन पहले अंतरराष्ट्रीय  मुद्रा कोष ने वैश्विक स्तर पर शुरू आर्थिक उथल-पुथल की पृष्ठभूमि पर भारत एक ‘ब्राईट स्पॉट’ यानी चमकता सितारा होने का बयान किया था। पिछले कुछ सालों में भारत ने विकसित किया हुआ डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर भारत के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभा रहा हैं, यह मुद्दा  मुद्रा कोष एवं वैश्विक बैंक समेत आर्थिक विशेषज्ञों ने भी दर्ज़ किया था। अब भारत ने इस क्षेत्र में किए पहल से अन्य देशों ने सबक सिखना आवश्यक है, यह कहकर मुद्रा कोष इसकी अहमियत रेखांकित करती दिख रही हैं।

मराठी

Leave a Reply

Your email address will not be published.