अप्रचलित कानून और प्रणाली बदलने की ज़रूरत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नयी दिल्ली, दि. २६ (पीटीआय) – ‘यदि बदलाव की चुनौती को मात देनी है, तो उसके लिए अप्रचलित कानून और प्रणाली बदलना अनिवार्य है| २१ वी सदी में १९ वी सदी की प्रशासकीय व्यवस्था लागू नहीं कर सकते,’ ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है| नीति आयोग द्वारा आयोजित किये गए ‘ट्रान्सफॉर्मिंग इंडिया’ की व्याख्यानमाला में बात करते समय प्रधानमंत्री ने यह सन्देश दिया है| इस वक्त सिंगापूर के उपप्रधानमंत्री भी मौजूद थे| सिंगापूर ने किये हुए विकास का उदाहरण देकर, भारत को सिंगापूर से बहोत कुछ सीखने योग्य है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा है|

अप्रचलित कानून नीति आयोग द्वारा नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित की गयी व्याख्यानमाला में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने, ते़ज़ी से विकास कराने के लिए मानसिकता बदलने की ज़रूरत प्रतिपादित की| मानसिकता में बदलाव लाये बिना नये संकल्पों और विचारों को स्थान नहीं मिलेगा और ऐसा जब तक नहीं होगा, तब तक गतिमान प्रशासकीय बदलाव संभव नहीं, ऐसा प्रधानमंत्री ने बताया| इसीलिए प्रशासकीय बदलाव के लिए पुरानी व्यवस्था बदलने के सिवाय और कोई विकल्प नहीं| अप्रचलित कानून और प्रशासकीय व्यवस्था दूर रखकर नये प्रयोग करने के अलावा बदलाव संभव नहीं, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा| यह प्रयोग करने के लिए लगनेवाला धैर्य हमारे पास है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा है|

तीस साल पहले की स्थिति और आज की स्थिति में बहुत फरक है| तीस साल पहले कोई भी देश, समस्या का निवारण करने के लिए केवल अपनी खुद की क्षमता का इस्तेमाल करता था| लेकिन आज के दौर में, बाक़ी दुनिया से नाता तोड़कर कोई भी देश अपना विकास नहीं कर सकता, ऐसा दावा प्रधानमंत्री ने किया| भारत के युवाओं की सोच और महत्त्वाकांक्षाएँ इतनी अलग हैं कि सरकार के लिए अपनी सोच दक़ियानुसी रखना मुनासिब नहीं होगा, ऐसा प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया| युवाओं की उम्मीदों को प्रतिसाद देनेवाली प्रशासकीय व्यवस्था की देश को ज़रूरत है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा|

देश की प्रशासकीय व्यवस्था में मूलभूत बदलाव तभी होते हैं, जब कोई बड़ा झटका या संकट आता है। ऐसे बड़े संकटों या झटकों के ना होने पर हमें अपने आप में बदलाव लाने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। सिंगापूर जैसे देश ने किये हुए आर्थिक विकास से भारत को बहुत कुछ सिखने जैसा है| हमारे पास उपलब्ध साधनसंपत्ति के बलबूते पर, हम सब भारत को दुनिया का अग्रसर देश बना सकते हैं, यह हम सिंगापूर के उदाहरण से सीख सकते हैं, ऐसा दावा भी प्रधानमंत्री ने किया|

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