पाक़िस्तान आतंकवाद के मुद्दे को अनदेखा ना करें : भारत की चेतावनी

नयी दिल्ली/इस्लामाबाद, दि. २६ (पीटीआय) – कश्मीर मुद्दे पर पाक़िस्तान ने भारत को दिया हुआ प्रस्ताव ठुकराया जाने की शिक़ायत करते हुए पाक़िस्तान ने नाराज़गी जताई है| संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों के राजदूतों के सामने पाक़िस्तान ने अपना दुखड़ा बयान किया| लेकिन पाक़िस्तान आतंकवाद के मसले पर ’ना’ की रट न लगायें, ऐसा भारत के विदेश मंत्रालय ने कडे शब्दों में कहा| इस वजह से, राजनीतिक स्तर पर भारत और पाक़िस्तान के बीच जारी संघर्ष, आनेवाले समय में और भी बढेगा, ऐसा दिखाई दे रहा है|

Sartaj-Azizकुछ दिन पहले, पाक़िस्तान ने भारत को कश्मीर मुद्दे पर चर्चा का प्रस्ताव दिया था| यह प्रस्ताव देते समय पाक़िस्तान ने, जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा हो रहे कथित अत्याचारों पर आक्षेप दर्ज़ किया था| पाक़िस्तान के इस आक्षेप को भारत की ओर से तीखे शब्दों में जवाब दिया गया था| कश्मीर मसले पर पाक़िस्तान से चर्चा संभव नहीं है, ऐसा नि:संदिग्ध शब्दों में भारत ने स्पष्ट किया था| अगर पाक़िस्तान के साथ चर्चा होनी है, तो सिर्फ़ आतंकवाद और पाक़िस्तान के कब्जेवाले कश्मीर (पीओके) इन मुद्दों पर ही होगी| कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की माँग करनेवाला पाक़िस्तान, पहले ‘पीओके’ से सेना वापस ले लें, ऐसी माँग भारत के विदेश मंत्रालय ने की थी|

भारत ने दिये प्रत्युत्तर के बाद पाक़िस्तान ने सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यदेश अमरीका, रशिया, ब्रिटन, फ्रान्स और चीन इन देशों के पाक़िस्तानी राजदूतों के पास अपना दुखड़ा बयान किया है| ‘पाक़िस्तान ने भारत के सामने कश्मीर मुद्दे पर रखा चर्चा का प्रस्ताव भारत ने ठुकराया है’ ऐसा कहते हुए पाक़िस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताझ अझिज ने भारत पर नाराज़गी जतायी है| साथ ही, ‘जम्मू-कश्मीर में भारतीय लष्कर द्वारा मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है’ ऐसी आलोचना सरताझ अझिज ने की है|

s-jayshankarपाक़िस्तान की ओर से ये प्रयास किए जा रहे हैं कि तभी भारत ने पाक़िस्तान से अपने देश में निर्यात होनेवाले आतंकवाद के मुद्दे को उठाया है| भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर ने पाक़िस्तान पर कडी आलोचना करते हुए, यह देश भारत में आतंकवादी भेज रहा है, इसकी याद दिलाई| पाक़िस्तान सरहद-पार से कर रहे आतंकवाद को अनदेखा नहीं कर सकता, ऐसा एस. जयशंकर ने कहा| साथ ही, पत्रकार परिषद में बोलते समय जयशंकर ने, पाक़िस्तान ने अभी भी ‘पीओके’ को ग़ैरकानूनी ढंग से अपने कब्ज़े में रखा है, इसकी भी याद दिलाई|

पाक़िस्तान आतंकवाद का पुरस्कार करनेवाला देश है, ऐसी आलोचना जयशंकर ने की| पिछले कुछ दिनों से, भारत ने पाक़िस्तान के खिलाफ़ काफ़ी आक्रामक राजनीतिक अभियान छेड़ा है| बलुचिस्तान और ‘पीओके’ में पाक़िस्तान कर रहे जुल्मों का मसला सारी दुनिया के सामने रखने की तैयारी भारत ने की है| इसका तगड़ा झटका पाक़िस्तान को लगा है| बलुचिस्तान में भारत का राष्ट्रध्वज और प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीरें लोग दिखा रहे हैं| साथ ही, ‘पीओके’ में भारत के समर्थन में घोषणाएँ दी जा रही हैं| इस वजह से पाक़िस्तान पूरी तरह से बौखला गया है और ‘आनेवाले समय में पाक़िस्तान की एकता को ख़तरा पैदा हो सकता है’ ऐसी चेतावनी इस देश के विश्‍लेषक दे रहे है|

पाक़िस्तान ने जम्मू-कश्मीर में अत्याचार और मानवाधिकारों का मुद्दा उठाकर बड़ी गलती की है| आतंकवादियों को इस विषय में बोलने के लिए कहकर पाक़िस्तान ने खुद को उलझन में डाला है, ऐसा दावा कुछ विश्‍लेषकों ने किया था|

लेकिन कुछ दिनों से हफ़ीज़ सईद और सय्यद सलाहुद्दीन ने, कश्मीर मुद्दे पर कुछ भी बयानबाज़ी करने से अपने आपको रोका है| इसको देखते हुए ‘देर आए दुरुस्त आए’ ऐसा दिखाई दे रहा है| दोनों आतंकी नेताओं ने इससे पहले की हुई बयानबाज़ी से पाक़िस्तान का काफ़ी नुकसान हुआ है, ऐसी आलोचना इस देश के विश्‍लेषक कर रहे हैं|

बलुचिस्तान के संदर्भ में भारतीय प्रधानमंत्री ने किये बयान से जागतिक समुदाय का ध्यान कश्मीर से हटा है और आंतर्राष्ट्रीय मीडिया अब, बलुचिस्तान में क्या हो रहा है इस बात पर सोच रही है| यह पाक़िस्तान के लिए चिंताजनक हो सकता है, ऐसा पाक़िस्तान की मीडिया कह रही है| साथ ही, भारत ने इस संदर्भ में अपनायी आक्रामक राजनीतिक भूमिका बहुत ही सफल हुई है, ऐसा दावा पाक़िस्तानी मीडिया कर रही है|

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