भारत का ‘मिलन २०१८’ युद्धाभ्यास शुरू

पोर्ट ब्लेअर : मंगलवार से भारतीय नौदल ने आयोजित किए ‘मिलन २०१८’ यह संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू हुआ है। इस युद्धाभ्यास में १६ देशों ने समभाग लिया है और युद्धाभ्यास मतलब भारतीय नौदल के सामर्थ्य एवं प्रभाव का प्रदर्शन होने की बात कही जा रही है। हिंद महासागर क्षेत्र में अपने नैसर्गिक प्रभाव को आवाहन देनेवाले चीन को उत्तर देने के लिए भारत द्वारा संयुक्त युद्धाभ्यास का उपयोग करने की बात विशेषज्ञों से कहीं जा रही है।

ऑस्ट्रेलिया, न्यूझीलंड, थायलंड, सिंगापुर, मॉरिशस, व्हिएतनाम, इंडोनेशिया, कंबोडिया, म्यानमार, टांझानिया, केनिया, श्रीलंका, बांगलादेश इन देशों के साथ ओमान भी पहली बार युद्धाभ्यास में शामिल होने की जानकारी दी जा रही है। भारत से १९९५ वर्ष से मिलन युद्धाभ्यास का आयोजन किया जाता है। सागरी क्षेत्र में अवैध कारवाई रोकना एवं क्षेत्रीय संबंध में बढ़ाना यह इस युद्धाभ्यास के पीछे हेतु होने की बात भारत ने कही है।

दौरान पिछले कई वर्षों से हिंद महासागर एवं बंगाल उपसागर में चीनी नौदल की उपस्थिति बढ़ी है। अपने नौदल के इन गतिविधियों का चीन से समर्थन किया जा रहा है और हिंद महासागर क्षेत्र मतलब भारत के ‘घर का आंगन’ नहीं ऐसा दावा चीन के सामरिक विश्लेषक कर रहे हैं।

भारत के प्रभाव क्षेत्र में घुसकर चुनौती देने का आक्रामक धारणा चीन के इन गतिविधियों के पीछे होने की बात कही जाती है। इस पृष्ठभूमि पर हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय नौदल की तैयारी एवं गतिविधियों का महत्व अधिक बढा है।

भारतीय नौदल से चीनी नौदल के इन गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है और समय-समय पर भारतीय नौदल अपने सामर्थ्य भी उचित समय पर प्रदर्शन करता आ रहा है। इस वर्ष मिलन युद्धाभ्यास में १६ देश शामिल होने से इस भारत का प्रभाव नए से रेखांकित हो रहा है।

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