मंदी से भारत को नुकसान होने की ‘ज़ीरो संभावना’

वॉशिंग्टन – श्रीलंका की बिगड़ी स्थिति के मद्देनज़र इस देश को मंदी से नुकसान पहुँचने की संभावना ८५ प्रतिशत बढ़ी है। विश्व की फैक्टरी का खिताब पानेवाले चीन को भी मंदी नुकसान पहुँचा सकती है और इसकी संभावना २० प्रतिशत है, ऐसा ‘ब्ल्यूमबर्ग’ वृत्तसंस्था के आर्थिक विशेषज्ञों के निरीक्षण से स्पष्ट हुआ है। भारत के ‘आईटी’ क्षेत्र को मंदी से बड़ा नुकसान पहुँचेगा, लेकिन भारत में मंदी का प्रवेश होने की संभावना ज़ीरो होने का दावा ब्ल्यूमबर्ग की रपट में किया गया है।

कोरोना की महामारी और उसके बाद उभरे ‘सप्लाई चेन क्राइसिस’ की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था संकट से घिरी थी। इसी बीच यूक्रेन युद्ध शुरू हेने से यह संकट अधिक तीव्र हुआ है। ऐसी स्थिति में विश्व जल्द ही मंदी के साए में होगा, ऐसे इशारे अंतरराष्ट्रीय संस्था दे रही है। इसके अलावा बड़े देशों की अर्थव्यवस्थाएं भी मंदी के प्रभाव से खूद को बचा नहीं सकेंगी, ऐसा आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है। फिलहाल श्रीलंका में देखा का चित्र जल्द ही अन्य देशें में भी दिखने लगेगा, ऐसे ड़रावने दावे आर्थिक विशेषज्ञ कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में ब्ल्यूमबर्ग ने इससे संबंधित रपट जारी की है।

इसमें श्रीलंका को मंदी से नुकसान पहुँचने की संभावना ८५ प्रतिशत है और न्यूझीलैण्ड ३३, ताइवान २०, ऑस्ट्रेलिया २० और फिलिपाईन्स को ८ प्रतिशत मात्रा में मंदी से नुकसान हो सकता है। चीन को भी मंदी को खतरा है और इसके आसार २० प्रतिशत बताए गए हैं। जापान और दक्षिण कोरिया को मंदी का खतरा २५ प्रतिशत है। लेकिन, भारत को ज़ीरो प्रतिशत यानी मंदी का खतरा नहीं है, ऐसा ब्ल्यूमबर्ग की इस रपट में कहा गया है। साथ ही महासत्ता बनी अमरीका को अगले साल मंदी का सामना करना पडेगा, इसकी संभावना ४० प्रतिशत होने का बयान ब्ल्यूमबर्ग ने किया है। इसके लिए अमरीका में हुए महंगाई के विक्रमी उछाल का दाखिला दिया गया है।

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