भारत और जापान के बीच ‘टू प्लस टू’ चर्चा

टोकियो – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी जटिल स्थिति निर्माण हुई है और ऐसे में भारत और जापान के बीच दूसरी ‘टू प्लस टू’ चर्चा जारी है, ऐसा कहकर भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने दोनों देशों के सहयोग की अहमियत रेखांकित की। इसी बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-जापान की रक्षा संबंधी सहयोग अधिक व्यापक करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। चीन की वर्चस्ववादी हरकतों की वजह से निर्माण हुए असंतुलन की पृष्ठभूमि पर भारत और जापान अपना सहयोग सभी मोर्चों पर मज़बूत कर रहे हैं, यह संदेश ‘टू-प्लस-टू’ चर्चा के माध्यम से दिया गया।

भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेशमंत्री एस.जयशंकर जापान के रक्षामंत्री यासुकाज़ु हमादा और विदेशमंत्री योशिमासा हयाशी की गुरुवार को ‘टू प्लस टू’ चर्चा शुरू हुई। दोनों देशों में यह दूसरी ‘टू प्लस टू’ चर्चा है। इस चर्चा की वजह से भारत के जापान के साथ रणनीतिक सहयोग को नई उंचाई प्राप्त हो रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थिति काफी जटिल बनी हुई है और ऐसे में भारत और जापान की इस चर्चा का दाखिला देकर विदेशमंत्री एस जयशंकर ने दोनों लोकतांत्रिक देशों के सहयोग की अहमियत रेखांकित की। भारत और जापान अंतरराष्ट्रीय नियमों का सम्मान करनेवाले और नियमों के आधार पर खड़ी वैश्विक व्यवस्था का पुरस्कार करते है। तथा दोनों देश वैश्विक अर्थव्यवस्था का विकास सुनिश्चित करते हैं। मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र से संबंधित दोनों देशों की भूमिका एक समान है, ऐसा जयशंकर ने कहा।

ऐसे में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और जापान के राजनीतिक संबंधों के ७० साल पूरे होने की याद भी इस दौरान ताज़ा कराई। एशियाई महाद्वीप के लोकतांत्रिक देश भारत और जापान का सहयोग पैसिफिक महासागर की शांति और समृद्धि के लिए आवश्यक है, ऐसा सूचक बयान करके रक्षामंत्री ने भारत की भूमिका रखी। दोनों देशों का रक्षा सहयोग अधिक मज़बूत करने की आवश्यकता भी राजनाथ सिंह ने इस दौरान ड़टकर बयान की। इस चर्चा से पहले जापान के रक्षामंत्री यासुकाज़ु हमादा के साथ हुई चर्चा के दौरान भी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और जापान के युद्धाभ्यास अधिक बार आयोजित करने की आवश्यकता व्यक्त की थी। इसके अनुसार भारत और जापान के युद्धाभ्यास का दायरा अधिक बढ़ाया जाएगा और इसमें दोनों देशों की वायुसेनाओं के युद्धाभ्यास का भी समावेश किया जाएगा

भारत और जापान रक्षा सामान के निर्माण और प्रौद्योगिकी क्षेत्र का सहयोग बढ़ाएँगे, यह उम्मीद भी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान व्यक्त की। दोनों देशों की रणनीतिक भागिदारी अधिक मज़बूत करने का निर्धार रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और जापान के रक्षामंत्री यासुकाज़ु हमादा ने व्यक्त किया। इसी बीच ताइवान की खाड़ी में चीन की आक्रामक हरकतें बढ़ रही हैं और इसका काफी बड़ा असर जापान की सुरक्षा पर पड़ रहा है। इस वजह से जापान ने ताइवान की सहायता करने की नीति अपनाई है। ताइवान पर चीन का हमला जापान पर हुआ हमला माना जाएगा, ऐसी चेतावनी जापान ने दी है। ऐसी स्थिति में भारत का जापान के साथ रणनीतिक सहयोग मज़बूत करने का ऐलान यानी दोनों देशों की चीन को चेतावनी है।

कोरोना की महामारी के बाद वैश्विक उत्पादन केंद्र बने चीन में उत्पादन की चेन पर बुरा असर पड़ा था। सप्लाई चेन बाधित होने से विश्व के सामने काफी बड़ा संकट खड़ा हुआ था इसका गंभीरता से संज्ञान लेकर भारत और जापान ने अधिक मज़बूती से वैश्विक सप्लाई चेन बनाने की ओर कदम बढ़ाने का निर्धार व्यक्त किया था। इसकी छबि जापान की राजधानी टोकियो में आयोजित इस ‘टू प्लस टू’ चर्चा में दिखाई दे रही है।

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