पाकिस्तान-चीन योजना के अनुसार भारतीय सीमा पर तनाव बढ़ा रहे हैं – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

Rajnath Singhनई दिल्ली – पाकिस्तान और चीन यह भारत के पड़ोसी देश बिल्कुल तय मुहिम के अनुसार सीमा पर तनाव निर्माण कर रहे हैं। लेकिन, उत्तर एवं पूर्वी सीमा पर निर्माण हुई स्थिति का भारत पूरी ताकत से मुकाबला कर रहा है। इन मोर्चों पर मुकाबला करन के साथ ही भारत अपना विकास करके सरहदी क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव कर रहा है, ऐसा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है। सरहदी क्षेत्र के राज्यों में सामरिक नज़रिये से अहम ४४ पुलों का वीडियो कान्फरन्सिंग के माध्यम से उद्घाटन करते समय रक्षामंत्री देश को संबोधित कर रहे थे। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा के करीबी नेचिपु टनेल का शिलान्यास भी रक्षामंत्री ने किया।

लद्दाख, जम्मू-कश्‍मीर के केंद्रीय प्रदेशों के साथ अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड़ और पंजाब के सरहदी क्षेत्र में अहम बुनियादी सुविधाओं के प्रकल्पों का उन्होंने उद्घाटन किया। बॉर्डर रोड़ ऑर्गनायज़ेशन (बीआरओ) ने बड़ी प्रतिकूल स्थिति में और कोरोना के संकट दौर में भी इन पुलों का निर्माण कार्य करने का बयान रक्षामंत्री ने किया। राजनाथ सिंह के हाथों उद्घाटन किए गए इन ४४ पुलों में से ८-८ पुल अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड़ के हैं। इसके अलावा लद्दाख में भी आठ पुलों का निर्माण किया गया है। इसके साथ जम्मू-कश्‍मीर में दस पुलों का निर्माण हुआ है और सिक्किम में चार, पंजाब में चार और हिमाचल प्रदेश में दो पुल बनाए गए हैं।

bridge-inaugarationइससे सेना को एलएसी और एलओसी तक सैनिक और लष्करी सामान का जलद गति से परिवहन करना संभव होगा। भारतीय सेना के भारी टैंक भी इन पुलों से जा सकते हैं, यह बात बीआरओ के अधिकारियों ने साझा की है। साथ ही लद्दाख में और ४५ पुलों का निर्माण कार्य जारी होने की जानकारी बीआरओ के अधिकारियों ने प्रदान की। इन पुलों का सेना के साथ आम नागरिकों को भी लाभ होगा, यह विश्‍वास रक्षामंत्री ने इस दौरान व्यक्त किया। इस इलाके में बड़ी संख्या में भारतीय सैनिक तैनात हैं। सालभर उन्हें यातायात का साधन उपलब्ध नहीं होता। रणनीतिक नज़रिये से इन पुलों की देश को जरूरत है और साथ ही देश के विकास के दृष्टिकोण से भी इन पुलों की अहमियत है, यह बात रक्षामंत्री ने रेखांकित की।

bridge-inaugarationइस वर्चुअल कार्यक्रम के लिए जम्मू-कश्‍मीर के उप-राज्यपाल और अरुणाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड़ के मुख्यमंत्री भी उपस्थित थे। इन पुलों की वजह से उत्तराखंड़ के दुर्गम इलाकों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। साथ ही कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए जानेवालों को भी इन पुलों से लाभ होगा, यह विश्‍वास उत्तराखंड़ के मुख्यमंत्री ने इस दौरान व्यक्त किया। इसी बीच अरुणाचल प्रदेश के बालिपारा चारदुर तवांग रोड़ पर ४५० मीटर लंबाई के नेपिचु टनेल का निर्माण किया जाएगा। इससे चीन की सीमा तक जाने के रास्ते की दूरी १० किलोमीटर कम होगी, यह दावा किया जा रहा है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के हाथों इस टनेल का शिलान्यास भी किया गया।

चीन और पाकिस्तान इन दोनों देशों से भारत की ७,००० किलोमीटर की सीमा जुड़ी हुई है और फिलहाल इन दोनों सीमाओं पर बड़ा तनाव है। भारत ने इन दोनों सीमाओं पर एकसाथ संघर्ष करने की तैयार रखी होने के संकेत भारतीय सेना अधिकारी लगातार दे रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर भारत ने चीन की सीमा से जुड़े सरहदी क्षेत्र में रणनीतिक अहमियत रखनेवाली बुनियादी सुविधाओं के प्रकल्पों के कार्य को बड़ी गति प्रदान की हुई दिख रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.