भारत के रक्षामंत्री रशिया में दाखिल

मास्को – भारत और चीन की सीमा पर बढ़ी तनाव की स्थिति में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बुधवार के दिन रशिया पहुँचे। रशिया में हो रही शांघाय को-ऑपरेशन ऑर्गनायज़ेशन (एससीओ) की बैठक में रक्षामंत्री शामिल होंगे। इसी बैठक के दौरान वे चीन और पाकिस्तान के रक्षामंत्रियों से भेंट नहीं करेंगे, यह कहकर भारत ने पहले ही अपनी भुमिका स्पष्ट की थी। अक्तूबर में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन भारत की यात्रा कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर रक्षामंत्री का रशिया जाना अहमियत रखता है।

rajnath-singh४ और ५ सितंबर के दिन रशिया में ‘एससीओ’ की बैठक हो रही है। इस बैठक के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रशिया की यात्रा कर रहे हैं। इस बैठक को भारत और चीन के तनाव की पृष्ठभूमि प्राप्त हुई है। इसी बीच ‘एससीओ’ के सदस्य देशों में आतंकवाद और चरमपंथ के मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रशिया के रक्षामंत्री सर्जेई शोर्इंगु से भेंट करेंगे और इस दौरान दोनों नेता रक्षा सहयोग के मुद्दे पर बातचीत करेंगे। साथ ही दोनों देशों के बीच कुछ अहम समझौते होने की बात भी कही जा रही है।

इस वर्ष के अन्त तक भारत और रशिया के बीच ‘डिफेन्स लॉजिस्टिक’ का समझौता होगा। इससे पहले दोनों देशों के रक्षामंत्रियों की बैठक होना अहम है। सोवियत रशिया ने दूसरे विश्‍वयुद्ध के दौरान प्राप्त की हुई जीत के ७५ वर्ष पूरे होने के अवसर पर २४ जून के दिन रशिया में विशाल संचलन हुआ था। इस दौरान भारत के तीनों रक्षाबलों ने शानदार संचलन किया था। चीन के साथ गलवान वैली में हुए संघर्ष की पृष्ठभूमि पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उस समय भी रशिया की यात्रा की थी।

उस समय रशिया ने भारत को १२ ‘सुखोई-३०एमकेआय’ और २१ ‘मिग-२९’ विमानों के साथ कुल ३३ विमानों की अल्पावधि में आपूर्ति करने की तैयारी दिखाई थी। इस भेंट में इसी पर बातचीत होने की उम्मीद है। साथ ही रशिया से जल्द से जल्द ‘एस-४००’ मिसाइल डिफेन्स यंत्रणा प्राप्त करने की कोशिश भारत कर रहा है। ऐसे में रशिया में हो रहे युद्धाभ्यास में चीन और पाकिस्तान के साथ शामिल होने से भारत ने इन्कार किया है। इस वजह से पारंपारिक मित्रदेश रशिया के साथ दूरी ना बने, इस दिशा में भारत कोशिश कर रहा है।

इसी बीच, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रशिया की यात्रा पर होने के दौरान बंगाल की खाड़ी में भारत और रशिया की नौसेना ‘इंद्र-२०२०’ समुद्री युद्धाभ्यास करने की तैयारी में हैं। कोरोना वायरस के संकट की वजह से इस युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिकों का एक दूसरे से संपर्क ना हो, इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। भारत और रशिया के तीन विध्वंसक इस युद्धाभ्यास में शामिल होंगे।

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