‘एलएसी’ के करीब भारतीय सेना की गतिविधियाँ बढ़ीं

नई दिल्ली – भारतीय सेना के छह डिविजन्स ‘एलएसी’ पर तैनात होने की खबरें हाल ही में प्रसिद्ध हुई थीं। इसी बीच सेनाप्रमुख जनरल मनोज पांडे ने लद्दाख के ‘एलएसी’ पर पहुँचकर सुरक्षा का जायज़ा लिया था। साथ ही उत्तराखंड़ में चीन की सीमा के करीब भारतीय सेना और ‘इंडो-तिब्बती पुलिस’ (आईटीबीपी) के सैनिकों का ‘आईबीईएक्स’ नामक युद्धाभ्यास शुरू होने की खबरें प्राप्त हुई हैं। साथ ही सेना के ‘बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन’ (बीआरओ) ने चीन की सीमा के करीबी दौलत बेग ओल्डी हवाई अड्डे के करीब सड़क निर्माण तेज़ किया दिख रहा है।

भारतीय सेनापिछले कुछ दिनों से चीन के करीब ‘एलएसी’ पर भारत की गतिविधियाँ काफी मात्रा में बढ़ी हैं। इसी बीच भारतीय नेता और सेनाप्रमुख ने चीन को लेकर किए आक्रामक बयान ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। लद्दाख के ‘एलएसी’ के विवाद का हल निकालने में चीन की रूचि नहीं रही, ऐसा बयान सेनाप्रमुख जनरल पांडे ने किया था। इसके बाद जनरल पांडे ने लद्दाख के एलएसी का दौरा किया था। इसके बाद भारतीय सेना ने अपने छह डिविजन्स ‘एलएसी’ पर तैनात करने की बात स्पष्ट हुई थी। चीन को भारत के विरोध में सैन्य गतिविधियां करने का एक भी अवसर ना मिले, इसके लिए यह तैनाती बढ़ाने का दावा हो रहा है।

भारतीय सेना

अन्य स्थिति में भारतीय सेना की सीमा के करीब होनेवाली गतिविधियों पर नज़र रखकर इस पर बड़ी संवेदनशीलता दिखानेवाला चीन भारतीय सेना की मौजूदा गतिविधियों पर कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है। यह बात भी चीन की गतिविधियों को लेकर बनी संदिग्धता बढ़ाती है। इस पृष्ठभूमि पर भारतीय सेना ने चीन की सभी हरकतों पर बारीकी से नज़र रखने की जानकारी सूत्र प्रदान करते हैं। कुछ दिन पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी चीन लद्दाख के पैन्गोन्ग त्सो के इलाके में कर रहे पुल के निर्माण पर आपत्ति जतायी थी। साथ ही भारत इस निर्माण पर नज़र बनाए हुए है, ऐसा विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था।

इसी बीच, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने साल २०२० में लद्दाख के गलवान घाटी में हुए संघर्ष को लेकर सूचक बयान किए हैं। गलवान खाटी के संघर्ष में भारतीय सेना के धैर्य और वीरता की पूरी जानकारी देश के सामने रखी तो हरएक भारतीय का सीना गर्व से फूल जाएगा, ऐसा रक्षामंत्री ने शुक्रवार के एक समारोह में कहा था। साथ ही अपने अमरीका दौरे में मिले तुछ अनिवासी भारतीय नागरिकों ने कहा था कि, विश्व का भारत की ओर देखने का नज़रिया काफी बदला है, इसका ज़िक्र राजनाथ सिंह ने किया। इससे पहले भारत के बयानों को कोई गंभीरता से नहीं लेता था। लेकिन, अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत जो कुछ कहता है, उस पर ध्यान दिया जाता है, ऐसा इस अनिवासी भारतीय ने हमसे कहा, ऐसा राजनाथ सिंह ने कहा है।

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