चरमपंथ और आतंकवाद का फैलाव रोकना हो तो अफ़गानिस्तान में सर्वसमावेशी सरकार का गठन करना ही होगा – भारत के प्रधानामंत्री का अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आवाहन

नई दिल्ली – विश्‍व के २० प्रगत अर्थव्यवस्थाओं के ‘जी २०’ गुट को भारत के प्रधानमंत्री ने अफ़गानिस्तान की गतिविधियों को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। अफ़गानिस्तान का आतंकवाद और चरमपंथ इस क्षेत्र के साथ ही पूरे विश्‍व में फैलने का खतरा उठाना ना हो तो इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होना ही पड़ेगा, ऐसा इशारा प्रधानमंत्री मोदी ने दिया। इसके साथ ही भूखमरी का सामना कर रही अफ़गानिस्तान की जनता को आवश्‍यक मानवी सहायता प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय तुरंत पहल करे, यह आवाहन भी प्रधानमंत्री ने किया। साथ ही अफ़गानिस्तान में महिलाओं और अल्पसंख्यांकों को प्रतिनिधित्व देनेवाली सर्वसमावेशी सरकार का गठन हो, यह भारत की माँग प्रधानमंत्री मोदी ने ‘जी २०’ को संबोधित करते समय ड़टकर रखी।

सर्वसमावेशी सरकारइटली में ‘जी २०’ की बैठक हो रही है और इसमें इटली ने अफ़गानिस्तान की गतिविधियों पर स्वतंत्र चर्चा का आयोजन किया। ‘वर्चुअल’ माध्यम से इस परिषद को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री मोदी ने इटली की सराहना की। मौजूदा दौर में अफ़गानिस्तान की जनता को बड़ी खराब स्थिति से गुजरना पड़ रहा है और अफ़गानियों के भारतीय मित्र इससे व्यथित हुए है, ऐसा बयान प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान किया। लेकिन, अफ़गानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल आतंकवाद और चरमपंथ फैलाने के लिए ना हो, यह उम्मीद करते हो तो इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकहुट होना ही पडेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर की एकजुट के बगैर अफ़गानिस्तान के चरमपंथ, आतंकवाद और नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार की चुनौतियों का सामना करना मुमकिन नहीं होगा, यह इशारा भी भारत के प्रधानमंत्री ने इस दौरान किया।

अत्यावश्‍यक मानवी सहायता की आपूर्ति एवं सर्वसमावेशी सरकार का गठन, दोनों मुद्दे अफ़गानिस्तान के लिए काफी आवश्‍यक होने की ओर प्रधानमंत्री मोदी ने ध्यान आकर्षित किया। अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करनेवाले तालिबान के आतंकी इन दोनों में अड़ंगा बनने की बात स्पष्ट हुई है। तालिबान के आतंकियों से सुरक्षा की गारंटी ना होने से अफ़गान जनता को आवश्‍यक अनाज, दवाईयाँ एवं अन्य सहायता पहुँचाना मुमकिन नहीं है। इससे पहले भारत ने इस बात पर ध्यान आकर्षित किया था। साथ ही अमरीका के साथ दोहा में हुए समझौते के अनुसार तालिबान ने अफ़गानिस्तान में सर्वसमावेशी सरकार गठित करने का वादा किया था। लेकिन, अब तालिबान अपनी सरकार में अफ़गानिस्तान के अल्पसंख्यांक और महिलाओं को स्थान देने के लिए तैयार नहीं है। इस वजह से अफ़गान जनता को भयंकर स्थिति से गुजरना पड़ रहा है।

अफ़गानिस्तान में तालिबान की चरमपंथी हुकूमत का स्वीकार करके जनता को सहायता प्रदान करने का निर्णय करें, ऐसा तालिबान के नेताओं के साथ पाकिस्तान और चीन जैसे देश अंतरराष्ट्रीय समूदाय से कह रहे हैं। लेकिन, तालिबान ने अफ़गानिस्तान में सर्वसमावेशी सरकार का गठन नहीं किया तो तालिबान की हुकूमत को स्वीकृति प्रदान करने का विचार भी नहीं किया जा सकता, ऐसा भारत का कहना है। अफ़गानिस्तान में चरमपंथ और आतंकवाद का फैलाव ना हो सके, इसके लिए बीते २० वर्षों का संघर्ष जाया नहीं जाने देना है तो इस देश में महिलाओं और अल्पसंख्यांकों को प्रतिनिधित्व देनेवाली सरकार का गठन करना ही पडेगा, यह इशारा भारत के प्रधानमंत्री ने दिया है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समूदाय को एकजुट होकर कदम उठाने की आवश्‍यकता है और इसके बगैर अफ़गानिस्तान में उम्मीद के अनुसार बदलाव नहीं हो सकेंगे, इस ओर भी प्रधानमंत्री मोदी ने ध्यान आकर्षित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.