भारत-जीसीसी मुक्त व्यापार समझौते की चर्चा शुरू

नई दिल्ली – भारत और ‘गल्फ को-ऑपरेशन काऊन्सिल’ (जीसीसी) के बीच मुक्त व्यापारी समझौते के मुद्दे पर बातचीत शुरू हुई है। सौदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कतर, कुवेत, ओमान और बहरीन खाड़ी के इन छह देशों के ‘जीसीसी’ के साथ भारत के हो रहे इस व्यापारी सहयोग को सीर्फ इसी क्षेत्र के नहीं, बल्कि पूरे विश्व देख रहा है। भारत और जीसीसी सदस्य देशों का सालाना व्यापार २०२१-२२ में १५५ अरब डॉलर्स तक बढ़ा था। मुक्त व्यापार समझौता करने के बाद यह व्यापार प्रचंड़ मात्रा में बढ़ेगा और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी लाभ प्राप्त होगा, ऐसा दावा किया जा रहा हैं।

मुक्त व्यापार समझौते‘जीसीसी’ के सदस्य देश यूएई के साथ बारत ने पहले ही मुक्त व्यापार समझौता किया है। इसके बाद भारत-यूएई व्यापार में बड़ी बढ़ोतरी हुई हैं और मौजूदा वित्तीय वर्ष में यह व्यापार ८८ अरब डॉलर्स से भी अधिक होता दिख रहा है। इस बात पर गौर करने के बाद ‘जीसीसी’ ने भी भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने के लिए बातचीत शुरू की है। इससे पहले साल २००६ और २००८ में भारत और जीसीसी के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा हुई ती। लेकिन, उस समय इस चर्चा को कामयाबी हासिल नहीं हुई ती। लेकिन, मौजूदा अस्थिर आर्थिक माहौल में खाड़ी देश भरोसेमंद व्यापारी भागीदारी की कोशिश कर रहे हैं। इस वजह से पिछले कुछ सालों से खाड़ी देशों ने चीन के साथ व्यापारी सहयोग बढ़ाया था।

लेकिन, चीन की अर्थव्यवस्था को फिलहाल बड़े झटके लग रहे हैं। ऐसे में विश्व में दूसरें स्थान की बड़ी अर्थव्यवस्था का चीन खतरों से घिरा है और कई कारणों से बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन छोड़कर भारत एवं अन्य देशों की ओर रूख कर रही हैं। साथ ही भरोसेमंद आर्थिक प्रगति कर रहें भारत की ओर अंतरराष्ट्रीय निवेशक आकर्षित हुए दिख रहे है। इस पृष्ठभूमि पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की अहमियत काफी बड़ी है। इसका प्रभाव जीसीसी देशों पर हुआ है। इसी वजह से भारत और जीसीसी फिर से मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा कर रहे हैं। इस बार यह चर्चा कामयाब होगी, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे है।

जीसीसी के महासचिव डॉ.नईफ फलाह मुबारक अल-हझरफ ने भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर से मुलाकात की। भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी साझा करके इस मुलाकात के दौरान भारत और जीसीसी की भागीदारी की छबि दिखाई दी, ऐसा विदेश मंत्रालय ने कहा है। साथ ही भारत और जीसीसी ने अपने व्यापार, सुरक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्र के सहयोग को नई उंचाई प्रदान करने का निर्धार करने की बात विदेश मंत्रालय के निवेदन में स्पष्ट की गई है। इसी बीच, साल २०२१-२२ के वित्तीय वर्ष में भारत ने जीसीसी देशों को की हुई निर्यात ५८.२६ प्रतिशत बढ़कर ४४ अरब डॉलर्स हुई है। पहले के वित्तीय वर्ष में यही निर्यात २७.८ अरब डॉलर्स थी। साथ ही जीसीसी के सदस्य देशों की भारत में हुई निर्यात भी १५.५ प्रतिशत बढ़ोतरी दर्शा रही है।

मुक्त व्यापार समझौते के बाद भारत और जीसीसी के व्यापार की स्थिति बदल जाएगी, यह दावा किया जा रहा हैं। इस समझौते की वजह से जीसीसी के सदस्य देशों के लिए भारत का बाज़ार काफी अधिक खुला हो जाएगा। साथ ही जीसीसी के सदस्य देशों में भारत की निर्यात भी इससे काफी बढ़ सकती है। इससे सीर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि रणनीतिक स्तर पर भी भारत को लाभ प्राप्त होंगे। खाड़ी देशों में लाखों भारतीय मज़दूर काम कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश जीसीसी के सदस्य देशों में काम कर रहे हैं। आनेवाले समय में मुक्त व्यापार समझौता होने से भारतीय नागरिकों को खाड़ी क्षेत्र में काम करने के अधिक अवसर प्राप्त होने के आसार दिख रहे हैं। जीसीसी देशों को कुशल जनशक्ति एवं प्राद्योगिकी की आपूर्ति भी भारत से हो सकती है।

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