समर्थ, संगठित और समृद्ध आसियान को भारत का पूरा समर्थन – विदेशमंत्री एस.जयशंकर

नई दिल्ली – भारत के साथ विशेष बैठक के लिए आसियान के सदस्य देशों के विदेशमंत्री भारत आए हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। भारत के विदेशमंत्री जयशंकर ने इस दौरान ऐलान किया कि, समर्थ, संगठित और समृद्ध आसियान को भारत का पूरा समर्थन होगा। साथ ही भारत और आसियान के सदस्य देशों ने यह भी कहा कि, भारत के साथ अर्थपूर्ण, व्यापक रणनीतिक सहयोग ज़रूरी है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की वर्चस्ववादी हरकतों से आसियान के सदस्य देशों को बड़ा खतरा हो सकता है। इस पृष्ठभूमि पर आसियान ने भारत के साथ सहयोग करना रणनीतिक नज़रिये से काफी बड़ी अहमियत रखता है।

भारत का पूरा समर्थनवियतनाम, सिंगापूर, फिलिपाईन्स, इंडोनेशिया, कंबोडिया, मलेशिया, थायलैण्ड, ब्रुनेई और लाओस आसियान के सदस्य देश हैं। इस संगठन में म्यांमार का भी समावेश है। लेकिन, भारत और आसियान की इस बैठक में म्यांमार का समावेश नहीं किया गया था। जनतांत्रिक सरकार का तख्ता पलटकर म्यांमार की सेना ने देश की सत्ता काबिज़ की हैं। इस वजह से म्यांमार की इस जुंटा हुकूमत कोअंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभी तक मंजूरी प्राप्त नहीं हुई है। इस वजह से आसियान देशों की आपत्ती के मद्देनज़र भारत ने इस परिषद के लिए म्यांमार को आमंत्रित नहीं किया। लेकिन, आसियान के मौजूद सदस्य देशों के विदेशमंत्री ने भारत के सहयोग की अहमियत नए से रेखांकित की।

अमरीका और चीन इन महासत्ताओं के बैर और स्पर्धा का एशियाई देशों पर सीधा असर हो रहा हैं, ऐसा आरोप सिंगापूर के विदेशमंत्री विवियन बालकृष्णन ने इस बैठक को अवसर बनाकर लगाया। इसपर बयान करते हुए भारत के विदेशमंत्री जयशंकर ने समर्थ, संगठित और समृद्ध आसियान के लिए भारत का पूरा सहयोग प्राप्त होगा, यह गवाही दी। साथ ही आसियान इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में केंद्रीय भूमिका निभा सकेगा, यह विश्‍वास विदेशमंत्री जयशंकर ने व्यक्त किया। क्षेत्रीय अस्मिता, बहुपक्षीय रचना एवं जागतिकीकरण के लिए आसियान ने हमेशा से आदर्शवादी भूमिकाअपनाई, इसओर भारत के विदेशमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

आसियान ने इस क्षेत्र में अपना स्वतंत्र स्थान निर्माण किया है और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की रणनीतिक एवं आर्थिक रचना की नींव रखी हैं, ऐसा सूचक बयान भी भारत के विदेशमंत्री ने इस दौरान किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.