भारत- फिलीपींस ब्रह्मोस समझौता गेमचेंजर साबित होगा – एशियाई विश्लेषक का दावा

मनिला/नई दिल्ली – फिलीपींस ने भारत से ब्रह्मोस क्षेपणास्त्रों की खरीद करने के संदर्भ में किया फ़ैसला भारत के लिए गेमचेंजर साबित होगा, ऐसा दावा एक एशियाई विश्लेषक ने किया है। यह फ़ैसला भारत के लिए एशियाई देशों में रक्षा निर्यात के दरवाज़े खुले करनेवाला साबित होगा, ऐसा विश्‍लेषक रिचर्ड हेडॅरियन ने कहा है। दोनों देशों के बीच इस समझौते को अंजाम दिया जा रहा है कि तभी भारत के विदेश मंत्री अगले हफ्ते फिलीपींस का दौरा करनेवाले हैं। चीन से संभाव्य ख़तरे की पृष्ठभूमि पर, फिलीपींस-भारत का यह लष्करी सहयोग बहुत बड़े सामरिक परिणाम हासिल करनेवाला है।

गेमचेंजरफिलीपींस की नौसेना के लिए भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्षेपणास्त्रों की सप्लाई करने का समझौता किया ही है। लेकिन अब फिलीपींस की सेना भी भारत से ये क्षेपणास्त्र चाहती है। उसी प्रकार, वियतनाम भी भारत से ब्रह्मोस की खरीद करनेवाला है, ऐसी खबरें आ रही हैं। इसे यही संकेत मिल रहे हैं कि भारत का आग्नेय एशियाई देशों के साथ लष्करी सहयोग तथा रक्षाविषयक निर्यात बड़े पैमाने पर बढ़ सकती है। इसकी दखल विश्‍लेषक रिचर्ड हेडॅरियन ने ली। भारत और फिलीपींस के इस सहयोग के कारण भारत के लिए आग्नेय एशियाई देशों में रक्षाविषयक निर्यात का दालान खुलेगा, ऐसा विश्वास हेडॅरियन ने व्यक्त किया।

आग्नेय एशियाई देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए भारत में अपनाई ‘लूक ईस्ट’ निक्की को मध्य नजर रखते हुए यह बहुत बड़ा कदम साबित होता है। चीन के विरोध में छोटे एशियाई देशों को सहायता प्रदान करने की नीति भारत-अमरीका-जापान और ऑस्ट्रेलिया के क्वाड संगठन ने अपनाई थी। भारत द्वारा फिलीपींस को सप्लाई किए जा रहे ब्रह्मोस क्षेपणास्त्र यह उसी का भाग साबित होता है, ऐसा दावा भी विश्‍लेषक रिचर्ड हेडॅरियन ने किया।

गेमचेंजरआनेवाले समय में ब्रह्मोस का हाइपरसोनिक संस्करण तैयार किया जाएगा। भारत से उसकी भी खरीद करने की तैयारी फिलीपींस ने की होने की गहरी संभावना हेडॅरियन ने व्यक्त की। आनेवाले समय में वियतनाम और इंडोनेशिया ये देश भी, चीन के विरोध में अपनी सिद्धता बढ़ाने के लिए भारत से सहायता लेंगे, ऐसा निष्कर्ष हेडॅरियन ने दर्ज किया है।

इन सारी बातों को मद्देनज़र रखें, तो भारत और फिलीपींस के बीच हुआ यह ब्रह्मोस का समझौता, आधुनिक समय की भारत की आग्नेय एशियाई देशों के संदर्भ में होनेवाली विदेश नीति में बहुत बड़े बदलाव के संकेत दे रहा है, ऐसा दावा विश्‍लेषक हेडॅरियन ने किया। इससे भारत की रक्षा विषयक निर्यात बढ़ेगी और उसी अनुपात में इस क्षेत्र में भारत का प्रभाव भी बढ़ेगा, ऐसे संकेत हेडॅरियन ने दिए हैं।

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