कोरोना की महामारी के बाद भारत की अर्थव्यवस्था तेज़ी से संभली – अमरिकी कोषागार विभाग की रपट

वॉशिंग्टन – साल २०२१ में उठी कोरोना की दूसरी लहर का भारत की अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ा था। पर, इसके बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने छलांग लगायी है। कोरोना की महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में सबसे तेज़ गति से संभलने का दावा अमरिकी कोषागार विभाग ने अपनी रपट में किया है। अमरिकी संसद के लिए बनायी गई इस रपट में इसके साथ ही भारत ने चलाए कोरोना टीकाकरण के अभियान की भी सराहना की गयी है।

कोरोना की पहली लहर का भारत पर उतना ज्यादा असर नहीं पड़ा ता। विश्व के अन्य देशों की तुलना में भारत कोरोना के खतरनाक परिणामों से बचा हुआ था। लेकिन, साल २०२१ में कोरोना की महामारी ने भारत को बड़ा नुकसान पहुँचाया। इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर घातक असर पड़ा। इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की यह गिरावट ज्यादा समय तक नहीं रह सकी। रफ्तार से भारतीय अर्थव्यवस्था फिर से सामान्य स्तर पर पहुँची, इसका संज्ञान इस रपट में लिया गया है।

साल २०२२ के शुरू में कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट ने भारत में प्रवेश किया था। लेकिन, इसका भारत पर खास असर नहीं पड़ा। इसका मृत्युदर और आर्थिक परिणाम काफी सीमित रहे, ऐसा कहकर इस रपट में भारत की सराहना की गयी है। भारत सरकार ने इस महामारी के दौर में आर्थिक दुर्बल वर्ग को सहायता प्रदान करने की नीति अपनायी थी, इस पर भी इस रपट में ध्यान दिया गया। इस दौर में भारत की रिज़र्व बैंक ने ब्याजदर में बदलाव नहीं किए। इसका भी संज्ञान इस रपट में लिया गया।

साथ ही साल २०२१ के अन्त तक भारत की जनसंख्या में से ४४ प्रतिशत लोगों का टीकाकरण हुआ था, ऐसा कहकर भारत ने तेज़ी से किए टीकाकरण की भी अमरिकी कोषागर विभाग ने अपनी रपट में सराहना की है।

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