पाकिस्तान की सीमा पर भारत ‘आईबीजी’ की तैनाती करेगा

नई दिल्ली – भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा पर ‘इंटिग्रेटेड बॅटल ग्रुप्स’ (आईबीजी) तैनात करने का तय किया है| जरूरत के नुसार तुरंत कार्रवाई करने के लिए विशेष क्षमता रखनेवाली ‘आईबीजी’ की तैनाती यह भारत ने पाकिस्तान के विरोध में किया काफी अहम निर्णय है| नजदिकी दौर में इस निर्णय के बडे परीणाम सामने आ सकते है| अक्तुबर महीने में ‘आईबीजी’ की यह तैनाती होगी और अगल दौर में चीन की सीमा पर त्री ‘आईबीजी’ की तैनाती हो सकेगी, यह कहा जा रहा है|

सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने की शिफारिश के नुसार ‘आईबीजी’ का गठन करने का प्रस्ताव आगे आया था| जम्मू-कश्मीर एवं देश की अन्य सीमा क्षेत्र में भी आतंकियों की घुसपैठ और हो रहे आतंकी हमलों को जवाब देने के लिए अलग नीति और तरिके बनाने की जरूरत होने की बात वरिष्ठ सेना अधिकारियों ने रखी थी| इसके नुसार यकायक खडी होने वाली स्थिति में तुरंत निर्णय करके दुश्मनों को प्रत्युत्तर देने ‘इंटिग्रेटेड बॅटल ग्रुप्स – आईबीजी’ का गठन करने का निर्णय हुआ है|

हर एक ‘आईबीजी’ के दल में तीन से चार युनिट मौजूद हो सकते है और इनमे से हर एक युनिट में कम से कम ८०० सैनिक तैनात होंगे| मेजर जनरल पद का अधिकारी ‘आईबीजी’ का नेतृत्व संभालेगा| इस अधिकारी के नेतृत्व में करीबन पांच हजार सैनिक तैनात हो सकते है, यह जानकारी प्राप्त हो रही है| यह रचना यकायक खडी होने वाली स्थिति में एक्शन करने के नजरिए से की गई है और सेनाप्रमुख जनरल बिपीन रावत इस दल के गठन के लिए आग्रही होने की जानकारी पहले ही सामने आ चुकी थी| यह रचना युद्ध के दौरान सबसे अधिक प्रभावी साबित होगी, यह लष्करप्रमुख जनरल रावत ने कहा था|

रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने इस प्रगत लष्करी दल के लिए जरूरी सभी सहायता करने का निर्णय किया है| अक्तुबर महीने से पाकिस्तान की सीमा पर ‘आईबीजी’ की तैनाती होगी| इसके आगे चीन की सीमा पर भी आईबीजी के दल तैनात करने की जानकारी दी जा रही है| इस दौरान बदलते दौर में भारत परंपरागत युद्धतंत्र और लष्करी रचना पर निर्भर नही रह सकता| अगल दौर की सुरक्षा संबधी चुनौती काफी अलग रहेंगी और इनके लिए भारत को तैयार रहना होगा, यह उम्मीद सामरिक विश्‍लेषक बार बार व्यक्त कर रहे है|

इस पृष्ठभूमि पर भारत ने ‘आईबीजी’ का गठन करने की तैयारी की है और यह पाकिस्तान के लिए कडी चेतावनी साबित हो रही है| जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य में आतंकियों की घुसपैठ करवाकर आतंकी हरकतों को अंजाम देने की पाकिस्तान की कोशिश अभी बंद नही हुई है| वही, इसके आगे आतंकी हमलें बर्दाश्त किए बिना लष्करी कार्रवाई से इन हमलों को प्रत्युत्तर देने का ऐलान भारत ने किया है|

उरी में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेनाने किया सर्जिकल स्ट्राईक और पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में किया हवाई हमला, भारत की नीति में हुए बदलाव की साक्ष्य दे रहा है|

ऐसी स्थिति में ‘आईबीजी’ का गठन और तैनाती का निर्णय करके भारत ने पाकिस्तान के हरकतों को और भी तीव्रता से प्रत्युत्तर देने के लिए की तैयारी स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रही है|

पाकिस्तान उजागर तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहा है और ऐसे में भारत परंपरागत तरिके से लष्करी प्रत्युत्तर दे नही सकता| इसके लिए अगल प्रकार की क्षमता भारत को विकसित करनी होगी| आतंकी हमलें एवं नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना उकसाने के लिए कर रही हरकतों को करारा जवाब देने के लिए भारत के लिए और भी सूझबूझ से नई नीति और क्षमता प्राप्त करने के सिवाय विकल्प नही है, ऐसा सामरिक विश्‍लेषकों का कहना है| ‘आईबीजी’ के जरिए भारत ने ऐसे ही रणनीति पर काम शुरू करने की बात सामने आ रही है|

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